कुल्लू: 12 दिसंबर 2022 को श्रम विभाग के सचिव के द्वारा जो पत्र जारी किया गया है उससे हिमाचल प्रदेश के लाखों मजदूरों को काफी नुकसान होगा. ऐसे में मनरेगा मजदूरों की सुविधाओं को श्रमिक कल्याण बोर्ड जल्द से जल्द बहाल करें. कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश मनरेगा निर्माण एवं सर्व कामगार संगठन के महासचिव अजीत राठौर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 4 लाख मजदूर इस आदेश से प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाएं इस आदेश के कारण उन्हें मिल नहीं पा रही हैं.
अजीत राठौर ने कहा कि श्रम विभाग के द्वारा अपने आदेश में कहा गया है कि नए मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण भी बंद किया जाए। जो की पूरी तरह से गलत है. ऐसे में जिस मनरेगा मजदूर ने साल में 50 दिन मनरेगा में कार्य किया है उन्हें जल्द से जल्द श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत किया जाना चाहिए. अजीत राठौर ने कहा कि मनरेगा पूरे देश के लिए एक बेहतरीन योजना है और श्रमिक कल्याण बोर्ड से मनरेगा मजदूर को इलाज शिक्षा शादी व मृत्यु होने पर भी आर्थिक रूप से मदद की जाती है.