कुल्लूःप्रधानमंत्री आवास योजना जिला कुल्लू में मुख्य रूप से कमजोर तबके के परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है. प्रत्येक व्यक्ति के मन में अपने और अपने परिवार के लिए एक सुंदर आशियाना बनाने की चाहत हमेशा रहती है. गरीबों की इसी चाहत को अब कुल्लू जिला के शहरी क्षेत्रों में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना साकार कर रही है. यह योजना केंद्र सरकार की ओर से 25 जून 2015 को इस उद्देश्य के साथ शुरू की गई ताकि आगामी 7 वर्ष की अवधि के दौरान यानि 2022 तक देश के 2 करोड़ से अधिक लोगों को पक्के घर बनाकर उपलब्ध करवाए जाएं.
जिला कुल्लू में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिला कुल्लू के विभिन्न इलाकों में जिओ टैगिंग के माध्यम से 375 घरों का सर्वे किया गया था. जिसमें 362 मकान बनाने के लिए अंतिम सर्वे किया गया. वहीं, जिला कुल्लू के विभिन्न इलाकों में पहले चरण में 346 मकान के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली किश्त जारी कर दी गई है. वहीं, जिला में दूसरे चरण में 279 मकानों को दूसरी किश्त भी जारी कर दी गई है. इसके अलावा भवन निर्माण कार्य पूरा करने वाले लोगों को भी इसकी बाकी बची हुई राशि जल्द विभाग के द्वारा जारी कर दी जाएगी.
नगर परिषद कुल्लू में अब तक किए 3 सर्वेक्षण
वहीं, शहरी क्षेत्रों नगर परिषद कुल्लू में अब तक 3 सर्वेक्षण किए जा चुके हैं और कुल 168 लाभार्थियों को मंजूरी प्रदान की गई है. इसमें पहले चरण में 82, दूसरे में 9 और तीसरे चरण में 77 लाभार्थियों के पक्ष में स्वीकृति प्रदान कर 1 करोड़ 63 लाख 50 हजार रुपये की राशि वितरित की गई है. इसी प्रकार नगर परिषद मनाली में 10, नगर पंचायत भुंतर में 15, नगर पंचायत बंजार में 10, नगर पंचायत आनी में 23 और नगर पंचायत निरमंड में 100 लाभार्थियों को पक्के मकान बनाने के लिए मंजूरी प्रदान की गई है. योजना के तहत शहर के कमजोर तबके के ऐसे परिवारों को जिनके पास खुद का घर नहीं है या वे अपनी जमीन पर कच्चे घर पर रहते हैं या फिर अपने द्वारा बनाए गए मकान का विस्तार कर उसे बढ़ाना चाहते हैं, वित्तीय सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया जाता है.
वर्ष 2022 तक योजना के तहत हर गरीब के पास हो अपना पक्का घर
जिला कुल्लू ग्रामीण विकास अभिकरण के उपनिदेशक सुरजीत का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना एक बहुत बड़ा मिशन है और केंद्र सरकार का इस मिशन को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2022 तक ऐसे सभी व्यक्तियों को आवास की सुविधा प्रदान करना है, जिनके पास अपना घर-आशियाना नहीं हैं या वे पैसे के अभाव में अपनी जमीन होने के बावजूद कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं.