आनी/कुल्लू:हिमाचल की पिछली सरकार और वर्तमान सरकार दोनों ही बेसहारा पशुओं के लिए उचित व्यवस्था करने में नाकाम साबित हुई हैं. बेसहारा पशुओं के लिए पंचायत स्तर पर गौ सदन बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन घोषणा कागजों में ही सीमित होकर रह गई.
सरकार की नाकामी के चलते बेसहारा पशुओं से लोग परेशान है. गौ सदनों का निर्माण न होने के कारण बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. पशु किसानों की फसलें भी तबाह कर रहे हैं. कुल्लू की आनी तहसील में इन दिनों हर सड़क पर बेसहारा पशु सड़कों पर घूमते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे वाहन चालकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन पशुओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है और विभाग कुंभकर्ण की नींद सो रहा है.
कड़े कानून किए जाए लागू
प्रदेश में सड़कों पर पशुओं को बेसहारा छोड़ने वाले लोगों पर ना के बराबर जुर्माना लगाया जाता है, जिससे पशुओं को सड़कों पर बेसहारा छोड़ने वाले लोगों का हौसला बढ़ता जा रहा है. प्रशासन की ओर से इसके लिए कोई कड़ा प्रावधान न होने के कारण प्रदेश में पशुओं को बेसहारा छोड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है.
उच्च न्यायालय ने दिए थे निर्देश
प्रदेश उच्च न्यायालय ने सभी पंचायतों को बेसहारा पशुओं के संरक्षण के लिए गौसदन बनाने के कड़े निर्देश जारी किए हैं, जिससे क्षेत्र में घूम रहे पशुओं को वहां रखा जा सके. इसका पूरा खर्च भी जिला प्रशासन और पंचायत की ओर से दिया जाएगा. साथ ही उच्च न्यायालय ने समय-समय पर पशुपालन विभाग के अधिकारियों को गौ सदन का निरीक्षण कर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच करने के निर्देश भी दिए हैं, लेकिन इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है.