कुल्लू:एक तो बेरोजगारी दूसरा जीने का एकमात्र सहारा खेती-बाड़ी में मौसम की मार से घटता मुनाफा. यह कहानी है जिला कुल्लू की ग्राम पंचायत जिया के वार्ड नंबर 4 के रहने वाले जय राम उर्फ मेला राम की. जयराम और उसका छोटा भाई सत्तू अपने परिवार की आजीविका के लिए खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं. उनके पास 7 बीघा भूमि तो थी परंतु समय पर वर्षा न होने के कारण फसल अच्छी नहीं हो पाती थी. गुजरते साल के साथ-साथ जयराम की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही थी.
नजदीकी कृषि कार्यालय से किया संपर्क
परिवार के भरण-पोषण की चिंता जयराम को खेती छोड़कर कुछ धंधा-मजदूरी करने पर विवश कर रही थी. इसी बीच जयराम एक दिन साथ लगते भुंतर में किसी काम से जा रहे थे. वहां उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही सौर सिंचाई योजना के बारे में सुना. जयराम ने बिना समय गंवाए नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क किया. कृषि विभाग से मिली जानकारी के बाद मानों जयराम को एक उम्मीद की किरण दिखाई दी.
सब्जी उत्पादन से हुआ लगभग 1 लाख का मुनाफा
जयराम ने विभाग द्वारा बताए गए दस्तावेजों के साथ सैंतीस हजार रुपए की राशि जमा करवाई. सौर सिंचाई योजना के अंतर्गत जयराम को सरकार की ओर से कुल तीन लाख सत्तर हजार रुपए की अनुदान राशि स्वीकृत हुई. जिसके बाद कुछ ही दिनों में जयराम के खेतों में सोलर पंप एवं बोरवेल का कार्य पूरा हो गया. खेतों में बहती पानी की धारा को देखकर जयराम को लगा मानों उनकी परेशानी भी बह गई हो. आज जयराम अपने खेतों में खूब मेहनत कर विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगा रहे हैं. जयराम बताते हैं कि पिछले वर्ष उन्हें और उनके छोटे भाई सत्तू को लगभग एक लाख का मुनाफा सब्जी उत्पादन से हुआ.
परिवार के लिए वरदान बनी योजना