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पार्वती परियोजना चरण-2 का काम ठप, 2 गुटों में हुई लड़ाई बनी वजह - एसपी कुल्लू गौरव सिंह

पार्वती परियोजना की हेड रेस टनल का काम फिर रुक गया है. इस बार गांव के दो गुटों में लड़ाई होने के कारण काम बंद पड़ गया है. ग्रामीण युवक मंडल के प्रधान के खिलाफ करवाई की मांग कर रहे हैं और मांग की है कि हर घर के एक परिवार को रोजगार दिया जाए.

NHPC kullu
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Published : Mar 10, 2021, 2:58 PM IST

कुल्लू: मणिकर्ण घाटी के बरसेनी में शिलाह गांव के समीप बन रही पार्वती परियोजना की हेड रेस टनल का काम फिर रुक गया है. इस बार गांव के दो गुटों में लड़ाई होने के कारण काम बंद पड़ गया है. ग्रामीणों ने भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले पार्वती परियोजना का काम रोक दिया है.

वहीं, ग्रामीणों ने युवक मंडल के प्रधान पर मारपीट का आरोप लगाया है. मामला पुलिस में भी पहुंच गया है. उधर एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने बताया कि दोनों गुटों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है और जांच शुरू की गई है.

वीडियो.

दरअसल एनएचपीसी ने टनल का कार्य गेमन कंपनी को दिया है और स्थानीय ग्रामीण परियोजना में रोजगार चाहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने उन्हें रोजगार दिया और दोनों गुटों को बांटा गया. आरोप है कि ग्रामीण जब अपनी साइट पर कार्य कर रहे थे तो युवक मंडल के प्रधान ने वहां आकर उनसे मारपीट की और कार्य रोका गया. आरोप है कि इस दौरान एक व्यक्ति को चोटें भी आई और एक युवती के साथ भी मारपीट व दुर्व्यवहार किया गया. लिहाजा रोजगार को लेकर ग्रामीण व युवक मंडल के प्रधान में तकरार बढ़ गई है और परियोजना का कार्य बंद कर दिया गया है.

प्रधान के खिलाफ करवाई की मांग

ग्रामीण युवक मंडल के प्रधान के खिलाफ करवाई की मांग कर रहे हैं और मांग की है कि हर घर के एक परिवार को रोजगार दिया जाए. इसके अलावा भारतीय मजदूर संघ ने सुरक्षा की भी मांग की है. ग्रामीणों की इस लड़ाई से परियोजना को भारी नुकसान हो रहा है और हेड रेस टनल का कार्य भी पूरी तरह से बंद पड़ गया है.

मजदूरों को जरूरत के हिसाब से काम

वहीं, प्रोजेक्ट मैनेजर सन्त राम का कहना है कि कंपनी में सभी मजदूरों को जरूरत के हिसाब से काम दिया जा रहा है. वहीं, आप से लड़ाई के चलते प्रोजेक्ट का कार्य बंद हो गया है, जिसकी सूचना पुलिस को भी दी गई है.

टीबीएम के फंस जाने से इसके निर्माण में हुई देरी

गौर रहे कि यह दुनिया की सबसे लंबी 32 किलोमीटर की हेड रेस टनल है और पहले टीबीएम के फंस जाने से इसके निर्माण में देरी हुई, अब हड़ताल भी बाधा बन गई है. परियोजना में कार्यरत इंजीनियर ने बताया कि 32 किलोमीटर की इस टनल में अब मात्र 2100 मीटर कार्य शेष बचा है. यदि ग्रामीणों का सहयोग रहा तो यह कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा और परियोजना जनता को समर्पित होगी. उन्होंने ग्रामीणों से सहयोग की अपील की है.

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