कुल्लू: प्रदेश सरकार भले ही हिमाचल में सड़कों के जाल की बात करती हो, हर गांव तक सड़क मार्ग की बात करती हो, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही बयां करती है. जिला कुल्लू की ग्राम पंचायत शिल्ली में गरुली गांव की मरीज महिला को कुर्सी पर बैठाकर ग्रामीणों ने 6 किलोमीटर पैदल चल मुख्य सड़क तक पहुंचाया.
बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला लीला देवी को रात में पेट दर्द हुआ. वह पूरी रात दर्द से कराहती रही, सुबह महिला को कुर्सी से बनी लकड़ी की पालकी पर बिठाकर गांव से करीब छह किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक लाया गया. जिसके बाद महिला को निजी वाहन से इलाज के लिए बंजार अस्पताल ले जाया गया.
ग्राम पंचायत शिल्ली के उप -प्रधान मोहर सिंह ठाकुर का कहना है कि 10 साल के अंतराल में गांव में 3 बार आगजनी की घटना हो चुकी है. सड़क सुविधा ना होने से ग्रामीणों का बहुत नुकसान हो चुका है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र की पंचायत के लोग लगातार सरकार से सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं. लोगों को अपने प्राथमिक उपचार के लिए गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को टीकाकरण व दवा के लिए भी 8 किलोमीटर दूर पैदल बठाहड़ जाना पड़ता है।
आजादी के 72 बर्षों बाद भी आजतक गरुली गांव में सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई है. जिस कारण स्कूली छात्रों, बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. बीते सप्ताह राजस्थान के बीकानेर में शहीद हुए गरूली गांव के लगन चंद का पार्थिव शरीर भी सड़क सुविधा ना होने के कारण गांव से 5 किलोमीटर पीछे अंतिम संस्कार करना पड़ा था.
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