कुल्लू: पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-दो के पावर हाउस में लगी आग के मामले में परियोजना के स्थानीय प्रबंधन को फरीदाबाद स्थित मुख्य कार्यालय ने जोरदार फटकार लगाई है. मुख्य कार्यालय के उच्च अधिकारियों ने इस घटना पर स्थानीय प्रबंधन से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही भविष्य में ऐसी घटना न होने के लिए पुख्ता प्रबंध करने को कहा है.
एनएचपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एके सिंह ने खुद इस मामले को गंभीरता से लिया है. पार्वती-दो के प्रबंधकों से वीडियो कॉंफ्रेंस कर उन्होंने आग से नष्ट हुई मशीनरी को तुरंत दुरुस्त करने और पावर हाउस से बिजली उत्पादन शुरू करने के सख्त आदेश दिए हैं.
इसके बाद स्थानीय प्रबंधन हरकत में आ गया है. दो दिनों से विशेषज्ञों के साथ सिंउड पावर हाउस में नष्ट हुई संपत्ति का आंकलन किया जा रहा है. सैंज के सभी तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारियों को भी पावर हाउस में ही रहने के आदेश दिए गए हैं.
वर्तमान में एनएचपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एके सिंह इस साइट पर वर्ष 2012 से 2017 तक महाप्रबंधक रह चुके है. लिहाजा, वह यहां की परिस्थितियों से परिचित है. ऐसे में वह रोजाना रिपोर्ट लेने के साथ काम की निगरानी भी कर रहे है.
गौर रहे कि 800 मेगावाट की इस परियोजना के पावर हाउस में विस्फोट से करोड़ों के बिजली उपकरण जलकर राख हो गए थे. फिलहाल, यहां रोजाना 80 से 100 मेगावाट बिजली पैदा हो रही थी. पावर हाउस के कलपुर्जे जलने से एनएचपीसी को रोजाना 35 से 40 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है. 800 मेगावाट की बिजली उत्पादन के लिए तैयार रखी गई करोड़ों रुपये की मशीनरी को नुकसान हुआ है.
महाप्रबंधक प्रभारी ललितेंदु त्रिपाठी ने कहा कि एनएचपीसी को भारी नुकसान हुआ है. मरम्मत का का्म तेजी से किया जा रहा है. पावर हाउस में जल्द ही बिजली उत्पादन शुरू किया जाएगा.
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