कुल्लूःशिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य महज कौशल उन्नयन व जीवन के लिए उपयुक्तता हासिल करना, बल्कि सामुदायिक विकास के लिए उपयोगी होनी जरूरी है. वह आज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा काॅलेजों के मूल्यांकन से संबंधित वेबीनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे.
वैवीनार में प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों के प्रोफेसर, शिक्षण व गैर शिक्षण संस्थानों सहित अन्य शिक्षाविदों ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि न केवल देश व प्रदेश, बल्कि समूचा विश्व कोरोना महामारी के भयानक दौर से गुजर रहा है और इस बीच हमें शिक्षा सहित समस्त क्षेत्रों में आ रही चुनौतियों का मिलकर सामना और समाधान करना है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समाज में आएंगे अच्छे परिणाम
गोविंद ठाकुर ने कहा कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली दुनियाभर में सर्वाधिक वृहद, विस्तृत व विविध स्वरूप वाली है. यही कारण है कि हमारे देश का टैलेंट विकसित देशों में सर्वाधिक लोकप्रिय व मांग में हमेशा रहता है. उन्होंने कहा कि हम अपने प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अक्षरशः लागू करने के लिए वचनबद्ध है और यह शिक्षा नीति युवाओं के कौशल विकास व रोजगारोन्मुखी होगी. उन्होंने कहा आने वाले समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अच्छे परिणाम समाज के सामने आएंगे.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) संस्थान के ‘गुणवत्ता दर्जे’ को समझने के लिए महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों अथवा अन्य मान्यता-प्राप्त संस्थानों जैसे उच्चतर शिक्षा संस्थानों (एच ई आई) के मूल्यांकन तथा प्रत्यायन की व्यवस्था करता है.
उन्होंने कहा कि नैक का लक्ष्य उच्चतर शैक्षिक संस्थानों या उनकी इकाइयों अथवा विशिष्ट शैक्षणिक कार्यक्रमों या परियोजनाओं के आवधिक मूल्यांकन एवं प्रत्ययन की व्यवस्था करने के साथ उच्चतर शिक्षण संस्थानों में शिक्षणदृअधिगम तथा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक परिवेश को प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा, गुणवत्ता से संबंधित अनुसंधान अध्ययन, परामर्श और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना और गुणवत्ता मूल्यांकन, संवर्धन और संपोषण के लिए उच्चतर शिक्षा के अन्य हितधारकों को सहयोग प्रदान करना नैक के लक्ष्यों में शामिल है.