हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कुल्लूः काॅलेजों के मूल्यांकन से संबंधित वेबीनार, शिक्षा मंत्री ने भी लिया भाग

शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य महज कौशल उन्नयन व जीवन के लिए उपयुक्तता हासिल करना, बल्कि सामुदायिक विकास के लिए उपयोगी होनी जरूरी है. वह आज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा काॅलेजों के मूल्यांकन से संबंधित वेबीनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे. राजकीय डिग्री महाविद्यालय चम्बा के प्राचार्य डाॅ. शिव दयाल ने शिक्षा मंत्री और वेबीनार में भाग लेने वाले समस्त शिक्षाविद्धों का स्वागत किया और महाविद्यालय के मानकों के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नैक ने काॅलेज का मूल्यांकन बी-प्लस ग्रेड किया

naik-did-a-webinar-related-to-the-evaluation-of-colleges
फोटो

By

Published : May 20, 2021, 5:40 PM IST

कुल्लूःशिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य महज कौशल उन्नयन व जीवन के लिए उपयुक्तता हासिल करना, बल्कि सामुदायिक विकास के लिए उपयोगी होनी जरूरी है. वह आज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा काॅलेजों के मूल्यांकन से संबंधित वेबीनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे.

वैवीनार में प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों के प्रोफेसर, शिक्षण व गैर शिक्षण संस्थानों सहित अन्य शिक्षाविदों ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि न केवल देश व प्रदेश, बल्कि समूचा विश्व कोरोना महामारी के भयानक दौर से गुजर रहा है और इस बीच हमें शिक्षा सहित समस्त क्षेत्रों में आ रही चुनौतियों का मिलकर सामना और समाधान करना है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समाज में आएंगे अच्छे परिणाम

गोविंद ठाकुर ने कहा कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली दुनियाभर में सर्वाधिक वृहद, विस्तृत व विविध स्वरूप वाली है. यही कारण है कि हमारे देश का टैलेंट विकसित देशों में सर्वाधिक लोकप्रिय व मांग में हमेशा रहता है. उन्होंने कहा कि हम अपने प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अक्षरशः लागू करने के लिए वचनबद्ध है और यह शिक्षा नीति युवाओं के कौशल विकास व रोजगारोन्मुखी होगी. उन्होंने कहा आने वाले समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अच्छे परिणाम समाज के सामने आएंगे.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) संस्थान के ‘गुणवत्ता दर्जे’ को समझने के लिए महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों अथवा अन्य मान्यता-प्राप्त संस्थानों जैसे उच्चतर शिक्षा संस्थानों (एच ई आई) के मूल्यांकन तथा प्रत्यायन की व्यवस्था करता है.

उन्होंने कहा कि नैक का लक्ष्य उच्चतर शैक्षिक संस्थानों या उनकी इकाइयों अथवा विशिष्ट शैक्षणिक कार्यक्रमों या परियोजनाओं के आवधिक मूल्यांकन एवं प्रत्ययन की व्यवस्था करने के साथ उच्चतर शिक्षण संस्थानों में शिक्षणदृअधिगम तथा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक परिवेश को प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा, गुणवत्ता से संबंधित अनुसंधान अध्ययन, परामर्श और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना और गुणवत्ता मूल्यांकन, संवर्धन और संपोषण के लिए उच्चतर शिक्षा के अन्य हितधारकों को सहयोग प्रदान करना नैक के लक्ष्यों में शामिल है.

प्रदेश के समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों से ये किया आग्रह

शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया कि वे नैक की आवश्यकताओं और शर्तों को पूरा करने के लिए अपने-अपने संस्थानों को उत्कृष्ट बनाने में अपनी भूमिका और जिम्मेवारी का निर्वहन करें. नैक एक तरह से आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में मूल्यांकन प्रक्रिया में छात्रों व पूर्व छात्रों की उच्चतम भागीदारी में आंकड़ों का तृतीय पक्ष सत्यापन मुख्य मुद्दे हैं. उन्होंने कहा कि सिस्टम जनित स्कोर एक बेहतर प्रणाली है शिक्षा मूल्यांकन की.

क्या कहते हैं उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष

उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एचआईई और एनएएसी की वर्तमान स्थिति पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए कहा कि गुणवत्ता न केवल ग्रेड के संदर्भ में बल्कि भविष्य के जीवन के लिए छात्रों को तैयार करने के संदर्भ में परिणाम आधारित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल कुशल और जीवन के लिए उपयुक्त सामुदायिक विकास के लिए उपयोगी होनी चाहिए बल्कि अब बदले हुए मैट्रिक्स के आलोक में रैमवर्क की वर्तमान गुणवत्ता और एनएएसी के सभी मानदंड स्वस्थ, उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी होनी चाहिए.

डाॅ. गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में जब हमारा देश अपने वैश्विक नेतृत्व के कद को बढ़ा रहा है, तो इन सभी क्षेत्रों के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना समय की आवश्यकता है, जो किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान के मुख्य कार्यों और गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए मानदंड के रूप में अपनाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा स्वस्थ भौतिक अवसंरचना और मजबूत शिक्षण संसाधन निश्चित रूप से किसी भी समाज को प्रगति और विकास के उच्च स्तर तक ले जा सकते हैं.

राजकीय डिग्री महाविद्यालय चम्बा के प्राचार्य डाॅ. शिव दयाल ने शिक्षा मंत्री और वेबीनार में भाग लेने वाले समस्त शिक्षाविद्धों का स्वागत किया और महाविद्यालय के मानकों के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नैक ने काॅलेज का मूल्यांकन बी-प्लस ग्रेड किया है.

ये भी पढ़ें:किन्नौर के पागल नाले में आया भयंकर मलवा, राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर आवाजाही बाधित

ABOUT THE AUTHOR

...view details