कुल्लू: हर साल 1 अगस्त को राष्ट्रीय माउंटेन क्लाइबिंग दिवस के रूप में मनाया है. संयुक्त राज्य अमेरिका के माउंटेन क्लाइंबर बॉबी मैथ्यूज और जोश मैडिगन ने एडिरोंडैक पहाड़ियों की 46 चोटियों पर चढ़कर इतिहास रचा था और 1 अगस्त 2015 में व्हाइटफेस माउंटेन की चोटी पर चढ़ाई की थी. जिसकी याद में माउंटेन क्लाइंबिंग डे मनाया जाता है. ऐसे में हिमालयी राज्य हिमाचल में प्रदेश में माउंटेन क्लाइंबिंग का बड़ा महत्व है. हिमाचल के अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान में पर्वतारोहियों को पहाड़ की चोटियां चढ़ने की ट्रेनिंग दी जाती है.
बर्फिली पहाड़ियों पर पर्वतारोहियों का रेस्क्यू ऑरेशन. हिमाचल में चाहे कोई प्राकृतिक आपदा हो या फिर कोई विदेशी जंगल में भटक जाए. ऐसे रेस्क्यू ऑपरेशन में सबको अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोही याद आते हैं. संस्थान के कमांडो तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए रवाना हो जाते हैं और सभी मामलों में रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देते हैं. पहाड़ों और बर्फीले दर्रों पर किस तरह से रेस्क्यू ऑपरेशन करना है, पर्वतारोही इससे पूरी तरह से वाकिफ हैं. ये लोग हर तरह के जोखिम में काम करने को तैयार रहते हैं.
इन सब्जेक्ट में करवाया जाता है कोर्स: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते अलेउ में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना साल 1961 में की गई थी. 1961 में इसे पश्चिमी हिमालय पर्वतारोहण संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था, लेकिन 2008 में इसका नाम बदलकर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया. यह संस्थान पर्वतारोहण, स्कीइंग और वाटर स्पोर्ट्स के कोर्स मुहैया कराता है. वहीं, इस संस्थान में एडवांस पर्वतारोहण कोर्स, एडवांस स्कीइंग कोर्स, इंटरमीडिएट वॉटर स्पोर्ट्स कोर्स और एडवांस वॉटर स्पोर्ट्स कोर्स करवाया जाता है.
अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोही. आपदा में कंमाडो बने लोगों के फरिश्ते: अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान अब तक सैंकड़ों रेस्क्यू ऑपरेशन चला चुका है. जिसमें कई लोगों की जान बचाई गई है. बीते दिनों जिला कुल्लू में आई प्राकृतिक आपदा में भी संस्थान के पर्वतारोहण के कमांडो ने कई लोगों की जान बचाई है. मनाली में 10 जुलाई को ब्यास नदी में आई भारी बाढ़ में 29 लोग फंस गए थे. ऐसे में किसान भवन में रह रहे लोगों को बचाने के लिए संस्थान के कमांडो सुबह मौके पर पहुंचे और सभी लोगों को बचा लिया गया.
श्रीखंड महादेव में भी कर चुके हैं रेस्क्यू ऑपरेशन: इसके अलावा 5 जुलाई को श्रीखंड महादेव में बर्फीली हवाएं चलने और बर्फबारी के कारण करीब 240 श्रद्धालु फंस गए थे. जिन्हें पर्वतारोहण के कमांडो ने सुरक्षित रेस्क्यू किया. करीब 16 हजार फीट की ऊंचाई पर यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. इसमें कमांडो ने पहाड़, ग्लेशियर और नदी को पार कराकर सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था. इसके अलावा नौ जुलाई को हनुमान टिब्बा में लापता दो पर्वतारोहियों के शव वापिस लाने में भी संस्थान के कमांडो की भूमिका अहम रही थी.
अब तक कई लोगों की बचा चुके हैं जान: हिमाचल प्रदेश में 9 से 16 जुलाई तक खराब मौसम के बावजूद भी पर्वतारोहण संस्थान द्वारा कई जगह पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. इसके अलावा 14 नवंबर 2022 को मढ़ी में गिरने से एक महिला की टांग फ्रेक्चर हो गई थी. इस महिला को भी संस्थान की टीम ने रेस्क्यू किया था. अली रत्नी टिब्बा की पहाड़ी में भी वायु सेना के साथ संस्थान टीम रेस्क्यू कर चुकी है. अली रत्नी टिब्बा में बर्फबारी के कारण 5 लोग लापता हो गए थे. बताया जा रहा है कि करीब तीन सालों में संस्थान ने 100 से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए हैं. जिसमें सैकड़ों की जान बचाई गई है. इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी इलाकों में रास्ता भटक चुके विदेशी सैलानियों को भी संस्थान की टीम द्वारा सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है.
हिमाचल आपदा में पर्वतारोहियों ने बचाई लोगों की जान. कई युवा हर साल लेते हैं ट्रेनिंग: अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान के निदेशक अविनाश नेगी ने बताया कि संस्थान में हर साल दर्जनों युवाओं को पर्वतारोहण, स्कीइंग, राफ्टिंग, का भी प्रशिक्षण दिया जाता है. वहीं, बाहरी राज्यों से भी कई युवा एडवेंचर एक्टिविटीज का प्रशिक्षण लेने के लिए इस संस्थान में आते हैं. संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर आज हजारों युवा अपना रोजगार कमा रहे हैं. इसके अलावा युवाओं के द्वारा अपनी एसोसिएशन का भी गठन किया गया है. जो जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू ऑपरेशन कर कई लोगों की जान बचाते हैं.
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