कुल्लू:वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने परियोजना के कार्यान्वयन को लेकर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया. एकीकृत विकास परियोजना हिमाचल प्रदेश के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है. 700 करोड़ रुपये की यह परियोजना प्रदेश के 10 जिलों की 428 ग्राम पंचायतों में कार्यान्वित की जाएगी और कुल्लू जिला की 46 पंचायतों को कवर करेगी.
गोविंद ठाकुर ने वन विभाग के अधिकारियों को परियोजना के पहलुओं को बारीकी से समझने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसमें एक छत्र के नीचे अलग-अलग विभागों के अधिकारी काम करेंगे. इनमें मुख्यतौर पर वन, पशु पालन, कृषि, बागवानी व जल शक्ति विभाग शामिल हैं.
इसलिए यह आवश्यक है कि संबद्ध विभागों का आपस में बेहतर तालमेल हो और परियोजना के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सभी अतिरिक्त प्रयास करें. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने परियोजना से एक समय किनारा कर लिया था, जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली से इसके लिए विशेष आग्रह किया था और आज प्रदेश को इतनी बड़ी परियोजना मिली है.
वन मंत्री ने अधिकारियों से टीम की भावना से कार्य करने को कहा. उन्होंने कहा कि रूटीन का कार्य तो सभी को करना ही होता है, लेकिन लीक से हटकर यदि किसी नए कार्य को अंजाम दिया जाए तो वह सभी के लिए उदाहरण बन जाता है.
अधिकारियों को नई सोच के साथ नई पहल करने के निरंतर प्रयास करने चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस परियोजना को हिमाचल में दृढ़ शक्ति के साथ कार्यान्वित करके इसका लाभ लोगों तक पहुंचाएंगे.