कुल्लू: सर्दियों में लाहौल घाटी में सड़कों को बहाल रखने का बीआरओ का दावा खोखला साबित हुआ है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पहली मार्च से शुरू किए जाने वाले मिशन रोहतांग का आगाज तक नहीं कर पाया है. इस बार मनाली-लेह मार्ग पर हिमखंड गिरने से सड़कें बंद हो गई थीं. सड़क बहाल न होने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं.
हिमखंड गिरने से लाहौल में सड़कें बंद मनाली-लेह मार्ग में भारी हिमपात से जगह-जगह हिमखंड गिरे हैं. हिमखंड गिरने व बर्फबारी के कारण खड़े हुए बर्फ के पहाड़ को देखते हुए इस बार बीआरओ की राहें आसान नहीं दिख रहीं.
जानकारी केअनुसार बीआरओ की कई मशीनें खराब हैं जिस कारण अभी तक मिशन स्नो क्लीयरेंस को अंजाम नहीं दिया जा सका है. कुछ दिन से घाटी में मौसम मिला-जुला है इसके बावजूद बीआरओ की मशीनों ने सड़कों से बर्फ हटाने का काम शुरू नहीं किया है. हालांकि तोद वैली में बीआरओ अपनी डी-50 डोजर से धीमी गति से बर्फ हटाने में जुट गया है. जबकि तांदी-किश्तवाड़ और केलंग-सिस्सू मार्ग पर फिलहाल कोई हलचल नहीं है.
बताया जा रहा है कि पेट्रोल पंप के समीप एक डोजर और एलएनटी बर्फ में दबे पड़े हैं वहीं सिस्सू में स्नो कटर का टायर पंक्चर है. करगा स्थित डेट में एक डी-80 डोजर खराब पड़ा है. जबकि 94 आरसीसी के मुख्य डेट उदयपुर की तरफ से भी मशीनों को फिलहाल सड़कों पर तैनात नहीं किया गया है.
घाटी मे अभी जिस्पा से स्टिगरी तक महज 15 किमी के हिस्से से बर्फ हटाया जा चुका है. इसके अलावा सभी मार्ग बंद हैं.लाहौल के ग्रामीणों ने बताया कि बीआरओ हर साल पहली मार्च से मनाली की ओर 24 किमी दूर गुलाबा और लाहौल को और केलंग से 20 किमी दूर सिस्सु से अपनी रोहतांग बहाली शुरू करता था लेकिन इस बार बीआरओ ने अभी तक काम शुरू नहीं किया है. उन्होंने कहा कि केलंग से कोकसर तक सड़क में 4 फीट से 8 फीट तक बर्फ है. साथ ही हिमखंड गिरने से कई जगह 25 से 30 फीट बर्फ सड़क में जमा हो गई है.
बीआरओ कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल उमाशंकर ने बताया कि घाटी में मौसम अनुरूप नहीं होने से बर्फ हटाने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं. जैसे ही स्थिति सामान्य होगी कार्य को गति दे दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर के माध्यम से खराब पड़ी मशीनों के पार्ट भेजे जा रहे हैं और शीघ्र ही मार्ग बहाली का कार्य शुरू किया जाएगा.