कुल्लू:देश व दुनिया के सैलानियों के लिए रोमांचकारी रूट मनाली लेह मार्ग अब सोमवार से बंद हो गया है. बीआरओ द्वारा अब इस रूट को बहाल करने का काम अगले साल अप्रैल माह में शुरू किया जाएगा. अब सैलानियों को लेह के लिए अप्रैल माह तक का इंतजार करना होगा. हालांकि सेना के वाहनों के लिए यह सड़क मार्ग जम्मू कश्मीर से कारगिल होते हुए लेह तक खुला रहेगा, लेकिन सैलानियों को या तो चंडीगढ़ से फ्लाइट के जरिए लेह पहुंचना होगा या फिर उन्हें इस रूट पर सफर करने के लिए अगले साल का इंतजार करना होगा. इसके अलावा अब लाहौल-स्पीति प्रशासन द्वारा मनाली से काजा सड़क मार्ग पर भी गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है, क्योंकि कुंजुम दर्रा में भी अब कभी भी बर्फबारी हो सकती है और माइनस तापमान के चलते सड़क पर पानी भी जमना शुरू हो गया है.
बर्फबारी के बाद मनाली लेह रूट बंद:मनाली लेह सड़क मार्ग पर टूरिस्ट गाड़ियों की आवाजाही दशहरा उत्सव के बाद बंद कर दी गई थी, लेकिन जरूरी सामान लेकर जा रही गाड़ियों को गुजरने दिया जा रहा था. अब बीते कुछ दिनों पहले मनाली लेह सड़क मार्ग के ऊंचाई वाले दरों पर बर्फबारी हुई है. जिसके चलते दर्रे पर तापमान माइनस में चला गया है. वहीं, सड़क पर पानी जमने के चलते भी सफर जोखिम भरा हो गया है. इसके अलावा लाहौल-स्पीति पुलिस ने सरचू से अपनी अस्थाई चौकी भी हटा ली है. ऐसे में अब यहां से वाहनों की आवाजाही को भी बंद कर दिया गया है.
सबसे ऊंचे मार्गों में एक मनाली लेह रूट: गौरतलब है कि मनाली से लेह सड़क मार्ग दुनिया के सबसे ऊंचे सड़क मार्ग में शामिल है. देश व विदेश से टूरिस्ट यहां पर गाड़ियों और मोटरसाइकिल से इस यात्रा को पूरा करते हैं. मनाली से सैलानी अटल टनल होते हुए पहले लाहौल के मुख्यालय केलांग पहुंचते है. केलांग के बाद शिंकुला, बारालाचा, तांगलांग ला सहित कई दरों को पार करते हुए लेह का सफर पूरा करते हैं. ऐसे में हर साल अप्रैल माह में इस सड़क मार्ग को बहाल कर दिया जाता है और नवंबर माह में बर्फबारी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा इसे बंद कर दिया जाता है.