कुल्लू:सनातन धर्म में हर माह में ही विशेष त्योहार व पर्व का उल्लेख किया गया है. तो वहीं, माघ माह को सभी माह में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. क्योंकि माघ मास में दान करने से उसका पुण्य हजारों गुना बढ़ जाता है. ऐसे में माघ माह की पूर्णिमा तिथि बहुत खास मानी जाती है. जिसे माघी पूर्णिमा कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पूर्णिमा को देवतागण पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आते हैं. इसलिए इसका साल भर आने वाली पूर्णिमा से ज्यादा महत्व माना जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का काफी महत्व होता है. यह माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं
कब है माघ पूर्णिमा:हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा 4 फरवरी शनिवार को रात 9 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और 5 फरवरी रविवार को रात 11 बजकर 58 मिनट पर समापन होगा. लेकिन ज्योतिष के अनुसार हमेशा उदया तिथि मान्य होती है. इसलिए माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को ही मनाई जाएगी. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत सुबह 7 बजकर 7 मिनट से होगी और यह योग दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही 5 फरवरी के दिन पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र का निर्माण भी हो रहा है, जो कि माघ पूर्णिमा को और भी खास बना रहे हैं.
चंद्रमा की पूजा करने से मिलेगा ये फल: मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा से मनुष्य का समस्त संसार पर आधिपत्य होता है. खासकर संतान के उत्तम स्वास्थ के लिए पूर्णिमा का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है. कहते हैं जो बच्चे अक्सर सर्दी जुकाम, निमोनिया आदि रोगों से ग्रसित रहते हैं. उनकी माताओं को सालभर पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए. मान्यता है इससे संतान की सेहत को लाभ मिलता है. माघ पूर्णिमा के दिन कुछ खास काम करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है.