कुल्लू: कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते जहां पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है. वहीं, टैक्सी चालक भी इस इसके चलते बेरोजगार हो गए हैं. जिला कुल्लू में टैक्सियां घरों के बाहर ही खड़ी हुई हैं और कोई और काम ना होने के चलते टैक्सी चालकों को भी अपना परिवार का भरण-पोषण करना काफी मुश्किल हो रहा है.
जिला कुल्लू में पर्यटन कारोबार से जहां होटल व्यवसायियों का कारोबार चलता है. वहीं, टैक्सी चालक भी इसी कारोबार से जुड़े हुए हैं. जिला कुल्लू में 5 हजार से ज्यादा टैक्सियां विभिन्न स्थलों पर अपनी सेवाएं दे रही हैं और 5 हजार से ज्यादा टैक्सी चालकों का परिवार सिर्फ इसी पर निर्भर है, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते अबकी बार जिला कुल्लू में पर्यटन का कारोबार शुरू ही नहीं हो पाया है और लगातार बढ़ रहे मामलों से ऐसा लगता है कि इस साल पर्यटन बिल्कुल भी नहीं हो पाएगा.
अब टैक्सी चालकों को अपने परिवार के भरण-पोषण की चिंता सताने लगी है. जिला कुल्लू में अधिकतर टैक्सी चालक बैंक से ऋण लेकर कारोबार कर रहे हैं. अब काम ना होने के चलते जहां टैक्सियां बेकार खड़ी हैं. वहीं, बैंकों की किस्तें भरने की चिंता भी टैक्सी चालकों को रोजाना सता रही है.
पर्यटन सीजन के दौरान बेहतर कारोबार की आस में इस बार भी कई लोगों ने बैंकों से ऋण लेकर टैक्सी ले ली और उम्मीद जताई थी कि पर्यटन सीजन में बेहतर काम करेंगे. जिसके चलते वे अपने परिवार के पालन-पोषण सहित बैंक का कर्जा भी उतार देंगे, लेकिन अब उनकी चिंता बढ़ गई है कि आखिर में किस तरह से बैंकों के ऋण को चुकाएं और किस तरह से अपने बच्चों का पालन पोषण करें.
कोरोना की मार, टैक्सी चालक बेरोजगार टैक्सी चालकों का कहना है कि मई व जून माह में जिला कुल्लू में पर्यटन कारोबार चरम पर होता है और इसी के चलते उन्होंने बैंकों से ऋण लेकर तो खरीद ली और इसका टैक्स भी भर दिया, लेकिन अब काम न होने के चलते वह किस तरह से बैंकों का ऋण कैसे चुकाएंगे. इसकी चिंता उन्हें सता जा रही है.
कोरोना की मार, टैक्सी चालक बेरोजगार हालांकि बीते दिनों प्रदेश के ग्रीन जोन में टैक्सी चलाने की अनुमति लेने के लिए टैक्सी यूनियन के पदाधिकारी भी प्रदेश सरकार से मिले थे और आग्रह किया था कि उन्हें भी अपना कारोबार करने की अनुमति दें नहीं तो टैक्सी चालक बेरोजगार हो जाएंगे और वे बैंकों का लोन भी नहीं चुका पाएंगे.
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