कुल्लू: जिला लाहौल में कृषि सीजन को ध्यान में रखते हुए लाहौल के किसानों को लाहौल पहुंचाया जा रहा है. इन किसानों के स्वास्थ्य की भी कोठी व कोकसर में जांच की जा रही है, ताकि कोई भी बीमारी घाटी में न पहुंच पाए.
कृषि जनजातीय विकास व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने कहा कि प्रदेश की 80% आबादी कृषि व बागवानी पर निर्भर है. इसलिए किसानों को हर संभव सुविधाएं प्रदान करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि लाहौल का एकमात्र बिजाई का सीजन जोरों पर है. ऐसे में कुल्लू में फंसे सभी किसानों को घाटी पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है.
डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि 291 किसानों को रोहतांग दर्रे से लाहौल पहुंचाया जा चुका है. आज 52 टैक्सी और 11 निजी वाहनों ने रोहतांग दर्रा पार किया है. घाटी में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है, ताकि कोई भी संदिग्ध या बीमार व्यक्ति घाटी में ना जाए.
कृषि जनजातीय विकास व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि पांगी घाटी के लोगों को सड़क बहाल होते ही भेजने की व्यवस्था की जाएगी. वर्तमान में लंबे रास्ते में खाने-पीने व ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए लोगों को रास्ता खुलने तक इंतजार करना होगा.
कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुछ दिन बाद ही किसानों के उत्पाद को मंडियों में पहुंचाने के लिए छूट देने का फैसला किया था. साथ ही नकदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए परमिट जारी किया गया है. इसके अलावा किसान भी खेतों में काम करने के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन करें.
डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि कुल्लू जिला में कृषि विभाग के माध्यम से गांव-गांव में 26 लाख पनीरे किसानों को उपलब्ध करवाई गई. इसमें शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, बैंगन सहित अनेक नकदी उत्पाद शामिल हैं. साथ ही नर्सरियों को भी इसके लिए परमिट जारी किए गए हैं.
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