कुल्लू:जिला कुल्लू के कई दुर्गम क्षेत्रों के लोग आज भी नारकीय जीवन जीने को विवश हैं. सड़क सुविधा न होने के कारण जहां लोगों को हर जरूरी सामान पीठ पर ढोकर लाना पड़ता है वहीं, बीमारी की हालत में जीवन और भी कठिन हो जाता है. अधिकतर लोगों की सांस की डोर पैदल चलते ही छूट जाती है. गाड़ा पारली पंचायत के मैल गांव के लोग आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. सड़क सुविधा न होने के कारण इन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. जब भी कोई बीमार हो जाता है तो उसे पीठ पर उठाकर या पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.
महिला को पीठ पर उठाकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया:इसी तरह गुरुवार रात भी भारी बर्फबारी के बीच गाड़ा पारली पंचायत के मैल गांव की एक महिला बबली देवी के पेट में अचानक बहुत तेज दर्द उठा. ऐसे में महिला के परिवार वाले बेहद परेशान हो गए. बाहर मौसम बहुत खराब था, बर्फबारी हो रही थी. उस समय महिला को अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था. क्योंकि यह गांव सड़क सुविधा से वंचित है. ऐसे में मुख्य मार्ग तक 8 किलो मीटर पैदल चलकर ही पहुंचना पड़ता है.
ऐसे में बबली देवी के जीवन को बचाने के लिए परिवार के लोगों ने साहस दिखाते हुए उसे पीठ पर उठाकर भारी बर्फबारी के बीच मुख्य सड़क तक पहुंचाया. बर्फ के बीच न तो रास्ता नजर आ रहा था और न मंजिल. फिर भी परिवार के लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और बबली देवी को आठ किलोमीटर पीठ पर उठाकर ही सड़क तक पहुंचाया और उसके बाद सड़क मार्ग द्वारा 70 किलोमीटर दूर कुल्लू अस्पताल पहुंचाया. जहां एक निजी अस्पताल में अब बबली देवी उपचाराधीन है.