कुल्लू: जिला कुल्लू में पैराग्लाइडिंग का एडवांस कोर्स करवाने के मामले में अब पर्यटन विभाग ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. जिसके तहत छह पायलटों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. ऐसे में आवंटन विभाग भी इन प्रमाण पत्रों की जांच में जुट गया है कि इन पायलटों ने आखिर कहां से इसका प्रशिक्षण लिया था. फिलहाल इन छह पायलटों पर उड़ान के लिए रोक लगा दी गई है और जांच के बाद ही इन्हें दोबारा उड़ान की अनुमति मिलेगी.
वहीं, आरोपी से भी पुलिस की टीम पूछताछ करने में जुटी हुई है. आरोपी के द्वारा जो प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं वह संस्थान मान्यता प्राप्त है. ऐसे में उस संस्थान से भी पर्यटन विभाग व पुलिस विभाग जांच में जुट गए हैं कि यह प्रमाण पत्र आखिर बाहर कैसे निकले. या फिर आरोपी ने अपने स्तर पर ही इन प्रमाणपत्रों को बनवाया है. वहीं, जांच में अगर लाइसेंस फर्जी पाए गए तो बाद इनके लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं. ऐसे में विभाग की आरंभिक जांच में छह पायलटों ने लाइसेंस बनाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पर्यटन विभाग के पास जमा करवाए थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद विभाग ने सभी छह पायलटों को पैराग्लाइडिंग उड़ान भरने पर रोक लगा दी है. इनकी जानकारी पुलिस को सौंप दी दी है.
आरोपियों ने कितने पैसे देकर प्रमाणपत्र लिए थे. अब पुलिस इसकी जांच करेगी. सभी छह पायलटों के प्रमाण पत्र 2017-18 के बने हुए हैं और एरो स्पोर्ट्स नियम वर्ष 2022 में लागू हुआ है. इसमें पैराग्लाइडिंग के लिए पायलट का प्रशिक्षित होना व लाइसेंस अनिवार्य किया गया है. डोभी सहित यह पायलट अन्य साइटों पर भी पैराग्लाइडिंग कराने के लिए उड़ान भरते थे. डोभी साइट में लगातार हादसे हो रहे हैं. अब पर्यटन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.
इसलिए करवाया जाता है प्रशिक्षण