कुल्लू: सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा प्रशासनिक तौर पर 15 जुलाई से शुरू हुई है. दो दिनों में बेसकैम्प सिंघगाड़ में करीब 2200 श्रद्धालुओं का पंजीकरण हुआ. करीब 32 किमी का पैदल सफर करने के बाद यात्री श्रीखंड महादेव के दर्शन कर सकता है.
18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के रास्ते में इस बार कई जगह भारी ग्लेशियर जमा है. पार्वतीबाग से ऊपर ऑक्सीजन की कमी के चलते कई श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिस वजह से इस जोखिम भरी यात्रा में बीते नौ सालों में करीब 35 लोगों की मौतें हो चुकी हैं.
श्रीखंड यात्रा को लेकर पंजीकरण फिर से शुरू, प्रशासन ने इस वजह से यात्रा पर लगाई अस्थाई रोक दो दिन पूर्व नैनसरोवर के पास ग्लेशियर और भूस्खलन होने से रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था, पहाड़ी से पत्थर गिरने से चार लोग चोटिल भी हुए. जबकि ऑक्सीजन की कमी के चलते दम घुटने से पुणे से आये 74 वर्षीय एक श्रद्धालु सुभाष पाटिल की पार्वतीबाग के पास मौत हो गई. जिसका शव रेस्क्यू दल नीचे उतार रहा है. उसके बाद प्रशासन ने यात्रा पर अस्थाई रोक लगा दी थी.
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वहीं, वीरवार को फिर से प्रशासन ने भक्तों के लिए बेसकैम्प सिंघगाड़ में पंजीकरण शुरू कर दिया है, लेकिन पार्वती बाग से ऊपर किसी भी श्रद्धालु को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. प्रशासन का कहना है कि, जब तक ऊपर के रास्ते ठीक न हो तब तक किसी को भी आगे नहीं भेजा जाएगा.