कुल्लू: प्रदेश और देश-विदेश में विख्यात कुल्लू दशहरा महोत्सव की कोरोना संकटकाल में भी भगवान नरसिंह की जलेब यात्रा की परंपरा कायम रहेगी. शाही अंदाज में पूर्व की भांति इस परंपरा को विधि-विधान से निभाया जाएगा. इस उत्सव में सैकड़ों देवी-देवताओं के मिलन का भव्य नजारा देखते ही बनता है.
कोरोना संकट के चलते इस बार पाबंदियों के साथ इस उत्सव को मनाया जाएगा. मेले में भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए प्रशासन ने नियम बनाए हैं. उत्सव क्षेत्र में धारा 144 लागू रहेगी. शोभायात्रा में करीब 200 श्रद्धालु ही साथ भाग ले सकेंगे. दशहरा में रथयात्रा की तरह जलेब का भी अहम महत्व है.
राजा की चानणी से शुरू होगी जलेब
दशहरा मैदान ढालपुर स्थित राजा की चानणी से शुरू होने वाली जलेब यात्रा उपायुक्त कार्यालय, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू तथा कलाकेंद्र होकर शाही अंदाज में निकलती है. इसमें सैंज, बंजार, मणिकर्ण, आनी आदि घाटी के देवी-देवताओं के देवरथ शरीक होते हैं. ढोल-नगाड़े, करनाल, नरसिंगों और शहनाई की स्वरलहरियों के बीच देवरथों के साथ देवता के सैकड़ों देवलू झूमते हुए आगे बढ़ते हैं.