कुल्लू:हिमाचल सरकार की ओर से आपदा प्रभावित परिवारों को नियमों के अनुसार राहत राशि दी जा रही है. जिला कुल्लू में भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान वाले परिवारों को 7 लाख रुपए और आंशिक रूप से प्रभावित हुए लोगों को भी 1 लाख रुपए की राशि दी जा रही है, लेकिन बीते दिनों मणिकर्ण घाटी में राहत राशि में फर्जीवाड़ा पाया गया, जिसके बाद प्रशासन ने मामले में मणिकर्ण सर्कल के पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया. ऐसे में अब तहसीलदार द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. अब जांच में राहत पैकेज हासिल करने वाले 4700 प्रभावितों के दस्तावेजों की भी फिर से जांच की जाएगी और अगर किसी दस्तावेज में गड़बड़ी पाई गई तो, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कुल्लू जिला प्रशासन की ओर से इस बारे सभी आपदा प्रभावितों के दस्तावेज जांचने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. जिसके चलते अब मणिकर्ण, सैंज, बंजार और उझी घाटी में भी इस तरह की गड़बड़ियां सामने आने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, इस पूरे गड़बड़ झाले में राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं. जिला कुल्लू में 4700 परिवारों के पूर्ण रूप से मकान जमीन कारोबार और आंशिक तौर पर मकान कारोबार और जमीन क्षतिग्रस्त होने वाले परिवार हैं. जबकि इसके साथ-साथ किराएदार भी शामिल है. उन्हें भी सरकार की ओर से मुआवजा दिया जा रहा है.
आपदा प्रभावितों के लिए वर्तमान सरकार ने राहत राशि को बढ़ाया है, जिसमें मकान के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर 7 लाख रुपए और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर 1 लाख देने का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही सरकार ने प्रभावित किराएदार को भी 50 हजार रुपए राहत देने का प्रावधान किया है. अगर किसी व्यक्ति की गौशाला नष्ट होती है तो उसे भी 50 हजार रुपए सरकार की ओर से दिया जाएंगे. अब प्रशासन द्वारा इस बात की जांच की जाएगी की किस तरह से कई लोगों को आंशिक क्षति होने के बाद भी 7 लाख रुपए मुआवजा देने का हकदार बनाया गया. ऐसे में अब जिला कुल्लू के अन्य इलाकों में भी आपदा प्रभावितों में हड़कंप मच गया है.