हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

Kullu Cracks In Houses: आपदा के बाद अब लैंडस्लाइड का खतरा, घरों में आई दरारों से ग्रामीणों में दहशत, इन गांवों पर छाए खतरे के बादल‍‍‍‍! ‍ - Kullu Landslide in Lower Bandel

बाढ़ और भारी बारिश के बाद कुल्लू जिले के कई गांवों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है. वहीं, जिले के ग्राम पंचायत शर्ची के निचला बंदल और कोशूनाली गांव में घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है. जिसकी वजह से लोग अपना घर छोड़कर जाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों को भूस्खलन का खतरा सता रहा है. पढ़िए पूरी खबर...(Kullu cracks in houses) (Kullu Landslide) (Landslide in Lower Bandel and Koshunali Village)

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 5, 2023, 5:02 PM IST

कुल्लू:हिमाचल में आई आपदा के बाद जगह-जगह तबाही के निशान देखने को मिल रहे हैं. वहीं आपदा और भारी बारिश की वजह से प्रदेश में लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ गया है. जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी में आपदा के करीब चार सप्ताह बीत जाने के बाद भी लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. ग्राम पंचायत शर्ची के निचला बंदल और कोशूनाली गांव में करीब 20 रिहायशी मकानों पर खतरे के बादल मंडरा रहे रहे हैं. इन मकानों में दरारें आने से कई लोग घर खाली कर जा चुके हैं. गांव में दशहत का माहौल. ऐसे में इन लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

निचला बंदल और कोशूनाली गांव की घरों में आई दरारें: ग्राम पंचायत शर्ची के बंदल वार्ड में निचला बंदल और कोशूनाली गांव में करीब 20 घरों में दरार आने से खतरे के बादल मंडरा रहे रहे हैं. 9 जुलाई से हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण तीर्थन घाटी की कई संपर्क मार्ग, पुल, रिहायशी मकान, रास्ते, गौशालाएं, घराटों, मछली फार्म, खेल मैदान, कृषि योग्य भूमि और नकदी फसलों को भारी क्षति पहुंची है. हालांकि, पहले से स्थिति अब कुछ सामान्य हुई है. नदी नालों का जलस्तर भी काफी हद तक कम हो गया है. घाटी के कुछ क्षेत्रों में यातायात, विद्युत एवं जल आपूर्ति और नेटवर्क बहाल हो चुका है. शासन, प्रशासन और ग्रामीण लोग मिलकर सड़क बहाली, बिजली पानी राहत एवं पुनर्वास कार्य में जुटे हुए है.

घरों में आई दरार से ग्रामीणों में दहशत

घरों में आई दरारों से ग्रामीणों में भय का माहौल: तीर्थन घाटी में कुछ दिनों के अंतराल पर हो रही भारी बारिश लोगों को डरा रही है. कई स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है, जिससे सड़कें और रिहायशी मकानों में दरारें बढ़ रही है. घाटी के केंद्र बिंदु तीर्थन और फ्लाचन नदी के संगम स्थल गुशैनी के दाएं छोर बंदल की ओर का कुछ क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील बन चूका है. प्रशासन ने एहतियातन इस क्षेत्र को असुरक्षित घोषित किया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी गई है. इस क्षेत्र में पड़ने वाले निचला बंदल और कोशुनाली गांव के करीब 20 मकानों में दरारें पड़ चुकी है, जो कभी भी ढह सकते हैं. ग्रामीणों में डर और भय का माहौल बना हुआ है. कई लोगों ने अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है और अपने पालतू पशुओं को छोड़ कर रिश्तेदारों के घर में शरण ली हुई है.

निचला बंदल और कोशूनाली गांव में 20 घरों में दरार

भूस्खलन की जद में आया ट्रांसफार्मर: ग्राम पंचायत शर्ची में बंदल वार्ड के निचला बंदल निवासी तारा देवी का एक मकान ढह गया है और दूसरा मकान भी खतरे की जद में आ चूका है. वहीं पर शारदा देवी, घानथू राम और रविंद्र कुमार सहित कई लोगों के मकान खतरे की जद में आ गए है. ग्रामीणों के घरों मे आई दरारें दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. यह मकान रहने के लिए असुरक्षित हो चुके हैं. इनमें से अधिकतर परिवारों ने अपने-अपने घरों को खाली कर दिया है. कोशूनाली में लगा एक बिजली का टांसफार्मर भी भूस्खलन की जद में आ गया, जो कभी भी जानमाल को नुकसान पहुंचा सकता है.

मकान में आई दरार से ग्रामीण कर रहे पलायन

भूस्खलन और चट्टानों के खिसकने का खतरा: वहीं गुशैनी से दुसरी ओर ग्राम पंचायत पेखडी में मनहार वार्ड के रूपाजानी और पछेंनाल गांव में आऊंसु राम, मोहिंद्र सिंह सहित कई ग्रामीणों के मकानों में दरार आने से यह रहने के लिए असुरक्षित हो चुके हैं. भूस्खलन और चट्टानों के खिसकने का खतरा बना हुआ है.यहां पर नदी की ओर से भी भूस्खलन जारी है. यहां सभी लोग अपने घरों को छोड़कर रिश्तेदारों के यहां पनाह लिए हुए हैं.

प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से लगाई गुहार: तीर्थन घाटी गुशैनी से गांव निचला बंदल, कोशुनाली, रूपाजानी और पंछेनाल के प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है. इन स्थानों का शीघ्र भूवैज्ञानिकों द्वारा सर्वेक्षण करवाकर पुनर्वास के लिए जरुरी सुरक्षा उपाय किए जाएं. लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर बह रहे पानी की निकासी के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जाएं. ताकि भारी जानमाल के नुकसान से बचाव हो सके. स्थानीय लोगों ने कहा पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रशासन को उचित व्यवस्था करने की जरूरत है.

भूस्खलन की चपेट में आने से सड़क धंसी

भूवैज्ञानिकों से कराया जाएगा संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण: उपमंडल अधिकारी हेम चंद वर्मा ने बताया निचला बंदल, कोशुनाली और रूपाजानी गांव के प्रभावित परिवारों को उचित राहत दी गई है. फिर भी हर पीड़ित और जरूरतमंद व्यक्ति के नुकसान का आकलन करके नियमानुसार राहत पहुंचाई जाएगी. उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं, जो सुरक्षित स्थानों में लोगों के रहने की व्यवस्था करेंगे. इस संवेदनशील स्थल का निरीक्षण भूवैज्ञानिकों द्वारा किया जाएगा. इस बारे में उच्चाधिकारियों से बात की गई है. शीघ्र ही कुल्लू जिला के लिए टीम आने वाली है.

ये भी पढ़ें:Himachal Disaster: हिमाचल में बारिश से बर्बादी, 6600 करोड़ से ज्यादा का नुकसान, 317 सड़कें बंद, अभी भी मंडरा रहे खतरे के बादल

ABOUT THE AUTHOR

...view details