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Bijli Mahadev Ropeway: विरोध में उतरे खराहल-कशावरी के लोग, बोले: 'देवता का आदेश, नहीं बनेगा रोपवे' - बिजली महादेव

जिला कुल्लू में बनने जा रहे बिजली महादेव रोपवे निर्माण के खिलाफ वहां की खराहल और कशावरी फाटी के लोग विरोध पर उतर आए हैं. देवता के हरियानों के अनुसार यह देवता का आदेश है कि यहां पर रोपवे न बने. इसके लिए वह प्रदेश सरकार को भी ज्ञापन सौंपेंगे.

Kharahal-Kashawari People against Bijli Mahadev Ropeway.
डिजाइन फोटो.

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Published : May 24, 2023, 12:55 PM IST

Updated : May 24, 2023, 3:43 PM IST

कुल्लू:जिला कुल्लू की खराहल घाटी के बिजली महादेव रोपवे निर्माण में समस्याएं पेश आ सकती हैं, क्योंकि खराहल और कशावरी फाटी के लोगों ने रोपवे निर्माण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर देवता बिजली महादेव ने रोपवे न बनाने के आदेश दिए हैं और देवता के हरियानों ने भी इस बारे में बैठक की है, जिसमें एक सुर में सभी लोगों ने यह निर्णय लिया है कि देवता के आदेश की अनुपालना होगी. वहीं ,ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल इसी संदर्भ में डीसी कुल्लू से भी मिलेगा. डीसी कुल्लू के माध्यम से ज्ञापन सरकार को भेजेंगे, जिसमें विशेष रुप में रोपवे निर्माण को रोकने की मांग की जाएगी.

'देवता का आदेश, नहीं बनने देगें रोपवे': बीते दिन ही खराहल घाटी में खराहल और कशावरी फाटी के हारियानों का जनरल हाउस हुआ था. इसमें हारियानों की ओर से एक स्वर में कहा गया कि वे बिजली महादेव क्षेत्र में रोपवे हरगिज लगने नहीं देंगे. इसको लेकर प्रस्ताव पारित किया गया. जनरल हाउस में पारित प्रस्ताव की प्रति मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और डीसी कुल्लू को भी भेजी जाएगी. इस दौरान हारियानों के अनुसार देवता का आदेश सर्वोपरी है, इसकी अनुपालना होगी. बीते अप्रैल में देवता बिजली महादेव परिक्रमा पर निकले थे. इसी दौरान देवता बिजली महादेव ने अपने गुर के माध्यम से हारियानों और कारकूनों को रोपवे निर्माण न करने का निर्णय सुनाया था.

बिजली महादेव रोपवे.

जून माह के अंत तक हो सकता है बिजली महादेव रोपवे निर्माणकार्य शुरू: खराहल घाटी के बिजली महादेव मंदिर के लिए पिरडी से रोपवे के कार्य को प्रदेश सरकार के द्वारा मंजूरी दी गई है. वहीं, इससे पहले भी इसके लिए कई बार सर्वे किए गए, लेकिन प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया. अब 240 करोड़ रुपये की लागत से बिजली महादेव रोपवे का निर्माण कार्य किया जाना है और रोपवे लगाने के लिए आठ कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया है. हालांकि, अभी तक किसी भी कंपनी को इसका काम नहीं दिया गया है, लेकिन जून माह के अंत तक इसका काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. यह रोपवे करीब 3 किलोमीटर लंबा होगा और पिरडी से पेछा तक पहला डी-बोर्डिंग स्टेशन बनेगा. उसके बाद पेछा से फिर बिजली महादेव मंदिर तक दूसरा बोर्डिंग स्टेशन तैयार किया जाएगा.

देवता के हरियान भेजेंगे प्रदेश सरकार को ज्ञापन:देवता बिजली महादेव के हारियानों ने देवता के आदेश पर मंत्रणा शुरू की और हारियानों ने कहा कि देवता बिजली महादेव का क्षेत्र का काफी बड़ा है. देवता ने भी गुर के माध्यम से किसी तरह की छेड़खानी नहीं करने के आदेश दिए हैं. जिनका बखूबी पालन किया जाएगा. देवता बिजली महादेव के कारदार वीरेंद्र जम्वाल का कहना है कि करीब 50 गांव के ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है और जल्द ही डीसी कुल्लू से मिलने के लिए भी ग्रामीण जाएंगे. रोपवे ना बनाने के बारे में भी एक प्रस्ताव डीसी कुल्लू के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा.

बिजली महादेव रोपवे.

'रोपवे बनने से छोटे कारोबारियों को भारी नुकसान': हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने बताया कि उनकी अगुवाई में भी खराहल घाटी के ग्रामीण डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग से मिले थे. ग्रामीणों ने मांग रखी थी कि अगर पिरडी से रोपवे बनता है तो यहां से रामशिला से लेकर पूरी तक चंसारी तक छोटे दुकानदारों का कारोबार ठप हो जाएगा. इसके अलावा जो टैक्सी इस सड़क मार्ग पर चलती है, वह भी बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसे में कारोबारियों ने भी रोपवे बनाने का विरोध किया था और डीसी कुल्लू को एक ज्ञापन भी सौंपा था.

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Last Updated : May 24, 2023, 3:43 PM IST

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