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महिला दिवस स्पेशल: पर्यावरण बचाने की अलख जगाती कल्पना ठाकुर

विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. मनाली की कल्पना ठाकुर ने प्लास्टिक को रि-यूज करने के लिए एक नया तरीका किया है. कल्पना प्लास्टिक कचरे को रि-यूज करके कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं. इसके लिए हर कोई कल्पना की तारीफ कर रहा है और कई संस्थाएं उन्हें सम्मानित भी कर चुकी हैं.

International Womens Day
प्लास्टिक से कलाकृतियों को तैयार कर रही कल्पना.

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Published : Mar 8, 2020, 5:34 PM IST

कुल्लू: विश्वभर में आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. महिलाओं के सम्मान के लिए देश में हर जगह विषेश कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. महिलाएं हर क्षेत्र में आज अपना नाम कमा रही है. ऐसी ही एक महिला हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली से हैं, जिन्होंने पर्यावरण को स्वच्छ करने के लिए एक अनोखी पहल की है.

पर्यावरण को दूषित करने में सबसे बड़ा हाथ प्लास्टिक का है. आज प्लास्टिक हमारे पर्यावरण की सेहत बिगाड़ रहा है जिसका सीधा असर हमारे और आपकी सेहत पर पड़ता है. प्लास्टिक को नष्ट करना भी एक बड़ी समस्या है. मनाली की कल्पना ठाकुर ने प्लास्टिक को रि-यूज करने के लिए एक नया तरीका इजाद किया है.

कल्पना प्लास्टिक कचरे को रि-यूज करके कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं. देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है, लेकिन हिमाचल के जिला कुल्लू के मनाली की रहने वाली कल्पना ठाकुर ने इस्तेमाल प्लास्टिक को अपने तरीके से रि-यूज करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है. यह तरीका बहुत कामयाब साबित हो रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

कल्पना के इस काम के लिए उनकों लोगों से सराहना भी मिल रही है. कल्पना ठाकुर लाहौल-स्पीति के चौंखग गांव की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले कई साल से वह अपने परिवार संग मनाली में ही रहती हैं. कल्पना मनाली में अपना एक होटल चलाती है. परिवार के अन्य सदस्य भी कल्पना के साथ होटल में काम करते है.

कई संस्थाएं कल्पना को कर चुकी हैं सम्मानित

कल्पना की इस उपलब्धि के लिए कई संस्थाएं सम्मानित कर चुकी है. कल्पना पर्यावरण संरक्षण में एक अहम योगदान दे रही है. कल्पना प्लास्टिक के कचरे को फिर से इस्तेमाल करके खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं. कल्पना लोगों को प्लास्टिक रि-यूज करने के लिए जागरूक भी करती हैं. इसके लिए वह सुबह और शाम को बच्चों की क्लासिस देती है. इसके लिए वह हर रविवार को सरकारी स्कूल के बच्चों को मुफ्त में प्लास्टिक के इस्तेमाल और रि-यूज की शिक्षा प्रदान करती है.

कल्पना की इस मुहिम की हर कोई तारीफ कर रहा है. अब तक कई संस्थाएं उन्हें सम्मानित भी कर चुकी हैं. कल्पना ने बताया कि वह लगभग 22 साल पहले से प्लास्टिक कचरे से सजावटी सामान बनाती आई हैं. कल्पना ने बताया कि वह पहले प्लास्टिक का काफी इस्तेमाल करती थीं, लेकिन मनाली में प्लास्टिक से बने लिफाफों का इस्तेमाल न करने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

इसके बाद प्लास्टिक के दुष्प्रभावों का पता लगने के बाद कम इस्तेमाल करना शुरू किया और पुराने प्लास्टिक के कचरे को ही दोबारा इस्तेमाल में लाकर कई तरह की कलाकृतियां बनानी शुरू कर दी. वहीं, सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ सरकार के छेड़े अभियान की कल्पना ने तारीफ की. उन्होंने आम जनता से प्लास्टिक की चीजों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील भी की.

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