रामपुर: प्रकृति की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. प्रकृति को करीब से जानने के लिए और दुनिया की भीड़भाड़ से दूर शांत वादियों में सुकून के पल बिताने के लिए सालाना लाखों सैलानी हिमाचल का रुख करते हैं.
हिमाचल में आज भी कई ऐसे अनछुए पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें विकसित किया जा सकता है. कुल्लू जिला की निरमंड तहसील का बागा सराहना गांव अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता से सहसा अपनी ओर आकर्षित करता है. करीब सात हजार फीट की ऊंचाई पर बसा बागा सराहना गांव चारों ओर से ऊंची चोटियों से घिरा है.
बागा सराहना में एक बहुत बड़ा घास का मैदान है जो चारों ओर से देवदारों के पेड़ों से घिरा हुआ है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अज्ञात वास के समय में पांडव श्रीखंड से यहां आए थे. एक रात में भीम ने यहां पर दो किलोमीटर की दूरी तक इस मैदान का निर्माण किया था. कहा जाता है कि जैसे ही कौरवों को पांडवों के यहां होने का पता चला वे इस स्थान को छोड़ कर यहां से चले गए.
प्रकृति को करीब से महसूस करने के इच्छुक पर्यटक बागा सराहना आ सकते हैं. कलकल करते झरने, हरी भरी फूलों की वादियां और चारों ओर देवदार के ऊंचे पेड़ यहां की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं. बागा सराहना की सुंदरता के कायल देश विदेश के कई पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए सुविधाओं का अभाव होने के कारण कई सैलानी बागा सराहना पहुंच ही नहीं पाते.
बागा सराहना के स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से ये बेहतरीन स्थान है. यहां तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क है. बागा सराहना के लिए सड़क को पक्का करने का काम कई सालों से चल रहा है जो अभी तक भी पूरा नहीं हो पाया है. उनका कहना है कि अगर सरकार बागा सराहना को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करती है तो इससे इलाके के कई बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार मिलेगा.
बागा सराहना की स्थानीय महिलाएं