कुल्लू:हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार जिला कुल्लू, मंडी व लाहौल-स्पीति मंत्रिमंडल से बाहर हो गए हैं. मंडी को हर बार तीन से चार मंत्री व कुल्लू को एक मंत्री मिलता रहा है. अधिकतर समय तय कुल्लू, मंडी व लाहौल स्पीति तीन जिलों में पांच से छह मंत्री रहे हैं लेकिन सुक्खू सरकार में पहली बार सिफर लग गई है. प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि तीन जिलों को दरकिनार किया गया है. तीनों जिलों में कुल्लू सदर के विधायक सुंदर ठाकुर डिजर्व कर रहे थे और वे तीनों जिलों का नेतृत्व भी कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. (himachal cabinet ministers)
माना जा रहा था कि कुल्लू- लाहौल से सुंदर ठाकुर व मंडी से चंद्रशेखर मंत्री होंगें. क्योंकि मंडी से सिर्फ एक ही उम्मीदवार चंद्रशेखर जीत कर आए हैं. वहीं, कुल्लू से सुंदर ठाकुर दूसरी बार जीते थे. आज से पहले चाहे भाजपा सरकार रही हो या कांग्रेस की सरकार कुल्लू व मंडी को मंत्री पद मिलते रहे हैं. वहीं, लाहौल को भी बीच बीच में मंत्री पद मिलते रहे हैं. 1998 में मंडी में तीन,कुल्लू में एक और लाहौल में एक मंत्री रहे हैं. इस तरह तीनों जिलों को 5 मंत्री मिलते रहे हैं और 2007 में भी इन तीन जिलों में 5 मंत्री थे. (No MLA included in Himachal cabinet from Mandi)
सवर्गीय लाल चंद प्रार्थी हिमाचल सरकार में पहले भाषा एवं संस्कृति मंत्री रहे हैं और वे कुल्लू जिले से भी पहले मंत्री थे. इसके बाद राजकृष्ण गौड कांग्रेस सरकार में दो बार मंत्री रहे और भाजपा सरकार में ठाकुर कुंज लाल भी मंत्री रहे. सत्य प्रकाश ठाकुर कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे और एक बार सीपीएस व एक बार विपणन बोर्ड के अध्यक्ष रहे. वहीं, भाजपा सरकार में खीमी राम शर्मा डिप्टी स्पीकर व मंत्री रहे. कर्ण सिंह एक बार भाजपा में व दूसरी बार कांग्रेस में मंत्री रहे. गोविंद सिंह ठाकुर भी पिछली सरकार में मंत्री रहे. लेकिन इस बार कुल्लू जिला को मंत्री पद न देने से जनता में आक्रोश नजर आ रहा है. (No MLA included in Himachal cabinet from Kullu)