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Hariyali Teej 2023: 19 अगस्त को मनाया जाएगा हरियाली तीज का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हरियाली तीज का त्योहार 19 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने का विधान है. मान्यता के मुताबिक हरियाली तीज का व्रत कुंवारी कन्याएं और महिलाएं मनोवाक्षिंत फल की प्राप्ति के लिए रखती हैं. जानें शुभ मुहूर्त, महत्व, मंत्र, और पूजा विधि... (Hariyali Teej Vrat 2023).

Hariyali Teej Vrat 2023
19 अगस्त को मनाया जाएगा हरियाली तीज का व्रत

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Published : Aug 16, 2023, 6:46 PM IST

कुल्लू:हरियाली तीज का सनातन धर्म में बहुत महत्व है. यह सबसे शुभ त्योहारों में से एक है. सभी विवाहित महिलाएं इस त्योहार को बहुत भव्यता और खुशी के साथ मनाती हैं क्योंकि वे अपने पतियों की सलामती के लिए इस व्रत को रखती हैं. यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. दरअसल, इस साल हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 18 अगस्त को रात 8:01 बजे होगा. तो वहीं इसका समापन 19 अगस्त रात 10:19 मिनट पर होगा. ऐसे में हरियाली तीज के अवसर पर तीन शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है. जिसमें सिद्ध योग और बुधादित्य योग शामिल है. वहीं, कन्या राशि में शुक्र, मंगल और चंद्रमा की युति त्रि ग्रही योग भी बन रहा है. इस योग के कारण धन लाभ और तरक्की के प्रबल योग बनते हैं.

हरियाली तीज का महत्व:दरअसल, हरियाली तीज मानसून के मौसम में आने वाला त्योहार. हरियाली का अर्थ है, वह समय जब वातावरण हरियाली से भरा होता है और यह तृतीया तिथि भी पड़ती है इसलिए इसे हरियाली तीज कहा जाता है. यह सावन की तीज के नाम से भी प्रसिद्ध है. यह त्योहार बेहद खास है क्योंकि यह सावन महीने के दौरान आती है और इस शुभ दिन पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है और महिलाएं अपने पतियों की भलाई और लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद मांगती हैं. यही नहीं विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं जबकि अविवाहित महिलाएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए व्रत रखती हैं और तीज माता के रूप में देवी पार्वती की पूजा करती हैं.

सुहाग का प्रतीक है हरियाली तीज:एसा माना जाता है की जो लोग व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ पूजा करते हैं, देवी पार्वती भक्तों को वांछित इच्छा पूरी करने का आशीर्वाद देती हैं. यह त्यौहार को सबसे खूबसूरत त्यौहारों में से एक माना जाता है क्योंकि इस दिन सभी महिलाएं हरे रंग के सुंदर कपड़े पहनती हैं, हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं, हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाती हैं जो सुहाग का प्रतीक है. बता दें, सोलह श्रृंगार विवाह का प्रतीक है इसलिए वे ऐसा करते हैं और इसे हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है.

हरियाली तीज के दिन व्रत करने से मिलता है ये लाभ:हरियाली तीज के दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है. कलवा अगर पति को साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव बुरा असर दिखा रहा है तो उससे भी मुक्ति मिलती है. आचार्य दीप कुमार का कहना है कि हरियाली तीज के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:17 से लेकर 1:27 तक है. जबकि विजय मुहूर्त दोपहर 2:49 से लेकर 3:40 तक है. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:30 से लेकर 9:08 तक रहेगा. वहीं, दोपहर की पूजा का मुहूर्त 12:25 से लेकर शाम 5:19 तक रहेगा.

हरियाली तीज 2023 पूजन के शुभ मुहूर्त

  • हरियाली तीज व्रत रखने की तारीख- शनिवार, 19 अगस्त 2023
  • अभिजीत मुहूर्त - शनिवार दोपहर 12:17 से 1:27 बजे तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 2:49 से 3:40 तक
  • दोपहर की पूजा का मुहूर्त 12:25 से लेकर शाम 5:19 तक
  • पूजा का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त सुबह 7:30 से 9:08 तक

आचार्य दीप कुमार का कहना है कि गंगाजल में काले तिल को मिलाकर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें. साथ में एक मुट्ठी उड़द की दाल भी भगवान शिव को अर्पित करें. ऐसा करने से पति के जीवन में परेशानियां कम होती है. वहीं इस व्रत के दिन हरे वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए. यह रंग महादेव के प्रिय रंगों में है और हरे रंग की चूड़ियों के साथ सोलह सिंगार करना शुभ कहा गया है. हरियाली तीज के दिन झूला झूलना बेहद शुभ माना जाता है और महिला झूला झूलने के साथ भगवान शिव और माता पार्वती को लोकगीत के माध्यम से प्रसन्न करती है. इस बार हरियाली तीज का व्रत शनिवार को है. इसलिए काले तिल, उड़द की दाल, काला कपड़ा और काले चने की दाल का दान अवश्य करें.

हरियाली तीज पूजन की विधि:

  • गंगाजल में काले तिल को मिलाकर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें.
  • एक मुट्ठी उड़द की दाल भी भगवान शिव को अर्पित करें.
  • व्रत के दिन हरे वस्त्र का प्रयोग करें.
  • भगवान शिव और माता पार्वती को लोकगीत के माध्यम से प्रसन्न करें
  • ईस बार व्रत शनिवार को है. इसलिए काले तिल, उड़द की दाल, काला कपड़ा और काले चने की दाल का दान अवश्य करें.

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