लाहौल स्पीति:हिमाचल प्रदेश देवभूमी से भी जाना जाता है. यहां पर साल भर बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं. उन्हीं, त्योहारों में से एक त्योहार है हालडा जो प्रदेश के जिला लाहौल स्पीति में मनाया जाता है. यह त्योहार नए साल के उपलक्ष्य में मनाया हर साल लाहौल में मनाया जाता है. बता दें कि जिला लाहौल स्पीति में बर्फबारी का दौर बीती रात से जारी है. इसी बीच हालडा पर्व का आगाज भी लाहौल घाटी में हो गया है.
बर्फबारी के बीच रविवार देर रात के समय लाहौल के तिनंन घाटी के लोगों ने हालडा पर्व मनाया. तो वहीं, आज घाटी में कुंसिल पर्व भी मनाया जा रहा है. जिसमें 9 प्रकार के पकवान बनाकर देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जा रही है. लाहौल घाटी के तिनंन घाटी में रात के समय स्थानीय लोगों ने लकड़ी की बड़ी-बड़ी मशालें जलाकर हालडा पर्व मनाया और भूत प्रेतों व नरात्मक चीजों को भी मशाल जलाकर घाटी से बाहर निकाला.
लाहौल स्पीति में मनाया गया हालडा पर्व. देर रात के समय तिनंन घाटी के हर घर में लकड़ियों की एक बड़ी मशाल तैयार की गई और रात के समय सभी लोग मिलकर निश्चित स्थान पर पहुंचे. वहीं, मंगलवार को नमदोई और नमदोई के बाद शशुम पर्व भी मनाया जाएगा. इसके अलावा घाटी में गुमचेन नाम का त्योहार भी मनाया जाएगा. अब तिनंन घाटी में सभी लोग गोंधला गांव के गोंदला ठाकुर के घर पर एकत्रित होंगे.
जिसे क्यारपा ड्रोन के नाम से जाना जाता है. यहां पर सभी एक-दूसरे को फूल देकर नए साल की शुभकामनाएं देते हैं और भोजन की व्यवस्था भी स्थानीय लोगों के द्वारा की जाती है. मनिंग गोम्पा के मुख्य लामा अशोक मेमे ने बताया कि इस साल तिनंन घाटी का हालडा पर्व रविवार देर रात को मनाया गया और बर्फबारी के बीच लोगों ने अपनी पुरानी परंपरा का निर्वाह किया.
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