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भांग को लेकर 11 जून को जनता की राय जानेगी सरकार, जल्द हो सकती है खेती लीगल

हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने के लिए प्रदेश सरकार 11 जून को जनता से इस संदर्भ में राय लेगी. इसके बाद जल्द ही प्रदेश सरकार भांग की खेती को लीगल कर सकती है. पंचायत के प्रतिनिधियों से भी इस बारे में सरकार चर्चा करेगी.

Govt will seek public opinion on cannabis cultivation in Himachal.
हिमाचल में भांग की खेती को लेकर जनता की राय जानेगी सरकार.

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Published : May 28, 2023, 1:50 PM IST

कुल्लू: हिमाचल सरकार अब जल्द ही प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने वाली है. बीते दिनों ही प्रदेश सरकार ने इस विषय को लेकर कमेटी गठित की थी. कमेटी ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश का दौरा किया गया था. कमेटी ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश का दौरा कर भांग की खेती से संबंधित जानकारी एकत्रित की, भांग की खेती को उगाने के नियम व किस प्रकार से इसके औषधीय और व्यापारिक प्रयोग किए जा सकते हैं, उसकी विशेष रूप से जानकारी प्राप्त की. अब हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार यहां की जनता से भांग की खेती को लेकर राय लेगी.

भांग की खेती पर जनता की राय जानेगी सरकार: जिला कुल्लू और मंडी में 11 जून को पंचायत प्रतिनिधियों के साथ भांग की खेती को लेकर कमेटी के सदस्यों द्वारा चर्चा की जाएगी. सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणों से भी इस बारे में राय ली जाएगी कि प्रदेश में ग्रामीण इस खेती की ओर रुझान दिखाते हैं कि नहीं. अगर लोगों का रुझान भांग की खेती की तरफ होता है तो, उसके बाद सरकार यह तय करेगी कि किस क्षेत्र में भांग की खेती होगी और कितनी खेती की जाएगी. साथ ही किस तरह से लोगों को इसके लाइसेंस दिए जाएंगे. उसके बाद इसके संदर्भ में नियम लागू किए जाएंगे कि किस प्रकार से भांग की खेती का औषधीय प्रयोग व व्यापारिक प्रयोग किया जा सके.

'भांग की खेती से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आएगा बदलाव':सीपीएस सुंदर ठाकुर ने बताया कि भांग की खेती के लिए आम जनता सहित विशेषज्ञों की राय ली जाएगी. उन्होंने कहा कि भांग का पौधा औषधियों का राजा है. अब इस औषधीय पौधे से विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनेंगी. भांग का रेशा काफी ज्यादा मजबूत होता है और भांग की खेती से हथकरघा व बुनकर के क्षेत्र में बहुत मददगार साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव होगा और हिमाचल नशा मुक्त प्रदेश होगा. उन्होंने कहा कि सेब के साथ इंटर क्रॉप के लिए भी भांग की खेती का प्रयोग किया जा सकता है, क्योंकि भांग की जड़ों जमीन को नाइट्रोजन प्रदान करती हैं.

'औषधीय गुणों से भरपूर भांग': सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा भांग का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है. इससे केंसर जैसी कई बीमारियों को नष्ट करने की क्षमता है. उन्होंने कहा भांग दवाइयों के लिए इस्तेमाल की जाएगी. कुल्लू जिला की मलाणा, पार्वती घाटी में उच्चतम क्वालिटी का भांग का पौधा तैयार होता है. गौरतलब है कि भांग की खेती को लेकर सरकार की कमेटी उत्तराखंड गई थी, जहां भांग की खेती वैध है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भांग की खेती से कई फायदे हो रहे हैं. उत्तराखंड में भांग के बीजों का तेल निकाला जाता है और रॉ मटीरियल से उसकी चॉकलेट बन रही है.

'दवाइयां बनाने की लगेंगी फैक्ट्रियां': सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा कि आज तक इस तरह की दवाइयां अमेरिका सहित अन्य कई देशों से आती हैं, लेकिन अब कई कंपनियां यहीं अपनी फैक्ट्रियां स्थापित करेंगी. जिससे अब यहीं पर दवाइयां बननी शुरू हो जाएंगी. सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि भांग की खेती से जहां दवाइयों की मांग पूरी होगी. वहीं, प्रदेश की आर्थिकी में बहुत बड़ा बदलाब आने वाला है. भांग के रेशों से तरह-तरह के वस्त्र, कॉस्मेटिक, मकान, ईंटें, पेवर टाइलें व खाने-पीने की कई वस्तुएं बनने जा रही है.

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