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Kullu Geological Survey: निचला बंदल और कोशुनाली गांव के कई घरों में आई दरार, भूवैज्ञानिकों ने किया क्षेत्र का सर्वेक्षण - Kullu News

हिमाचल में भारी बारिश के बाद कई गांवों में लैंडस्लाइड और भूधंसाव का खतरा बढ़ने लगा है. कुल्लू जिल के तीर्थन घाटी गुशैनी के निचला बंदल और कोशुनाली गांव में भी करीब 20 घरों में दरारें आई हैं. जिसकी वजह से कई मकान जमींदोज हो गए हैं. स्थानीय लोगों की मांग पर भूवैज्ञानिकों की टीम क्षेत्र का सर्वेक्षण करने पहुंची. पढ़िए पूरी खबर...( Kullu Geological Survey) (Geologists did survey of Koshunali village) (Koshunali village)

Kullu Geological Survey
भूवैज्ञानिकों ने किया क्षेत्र का सर्वेक्षण

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 5, 2023, 8:09 AM IST

कुल्लू:जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी के निचला बंदल और कोशुनाली गांव में आपदा के करीब दो माह बाद भी अभी तक प्रभावित लोगों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यहां के करीब 20 प्रभावित परिवारों में से कईयों के आशियाने पूरी तरह से धाराशाही हो चुके है और कई ढहने के कगार पर हैं. ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्र का भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया गया.

एसडीएम बंजार हेम चन्द वर्मा के नेतृत्व में दो सदस्यीय भूवैज्ञानिक टीम, तहसीलदार रमेश कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत शर्ची रामेश्वरी, अन्य विभागीय अधिकारी और स्थानीय लोग इस सर्वे में शामिल रहे. भूवैज्ञानिकों ने प्रभावित क्षेत्र और क्षतिग्रस्त भवनों का जायजा लिया. शर्ची सड़क पर आई दरारों और भूस्खलन क्षेत्र का पैदल निरीक्षण किया. स्थानीय लोगों से भी भूवैज्ञानिकों ने बातचीत की और सभी तथ्यों को नोट किया. अब हर पहलू पर जांच करने के बाद 15 दिनों के अंदर जिलाधीश कुल्लू को अपनी रिर्पोट सौंपेंगे.

गौरतलब है कि तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत शर्ची में पड़ने वाले निचला बंदल और कोशुनाली गांव के करीब 20 रिहायशी मकानों में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से दरारें पड़ चुकी है. जिनमें से करीब चार मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और बाकी कभी भी ढह सकते हैं. ग्रामीणों में डर और भय का माहौल बना हुआ है. प्रशासन द्वारा एहतियातन इस क्षेत्र को असुरक्षित घोषित किया गया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर टेंट लगाकर राहत शिविरों में शरण दी गई है.

प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है कि इनके पुनर्वास के लिए शीघ्र जरुरी सुरक्षा उपाय किए जाएं. लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बेघर और भूमिहीन परिवारों के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर जमीन और मकान बनाने के उचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा जो टेंट दिए गए है, वो कच्चे और निम्न दर्जे के हैं. जो हवा से ही उखड़ रहे है. अब आगे सर्दी का मौसम आने वाला है तो, इन टेंटों में रहना मुश्किल हो जायेगा. इन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें उच्च दर्जे के टेंट दिए जाए या रेस्ट हाऊस के पास खाली पड़े अन्य भवनों में ठहराया जाए.

उपमंडल अधिकारी हेम चन्द वर्मा ने बताया कि जुलाई माह में हुई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंदल गांव के पास सड़क में दरारें आई थी. लोगों की मांग पर आज इस प्रभावित क्षेत्र का चंडीगढ़ से आए भू वैज्ञानिकों की टीम के साथ निरीक्षण किया गया. टीम ने क्षेत्र का पुरा डाटा तैयार किया है, जो अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे. इनकी रिपोर्ट के आधार पर ही पता चलेगा कि यह क्षेत्र निर्माण और रिहायश के लिए सुरक्षित है या नहीं. आपदा प्रभावितों को उचित राहत पहुंचाई जा रही है. शर्ची सड़क मार्ग को भी शीघ्र ही छोटे वाहनों के लिए बहाल किया जा रहा है. ताकि किसान बागवानों को भी राहत मिल सके.

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