कुल्लू:जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी के निचला बंदल और कोशुनाली गांव में आपदा के करीब दो माह बाद भी अभी तक प्रभावित लोगों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यहां के करीब 20 प्रभावित परिवारों में से कईयों के आशियाने पूरी तरह से धाराशाही हो चुके है और कई ढहने के कगार पर हैं. ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्र का भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया गया.
एसडीएम बंजार हेम चन्द वर्मा के नेतृत्व में दो सदस्यीय भूवैज्ञानिक टीम, तहसीलदार रमेश कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत शर्ची रामेश्वरी, अन्य विभागीय अधिकारी और स्थानीय लोग इस सर्वे में शामिल रहे. भूवैज्ञानिकों ने प्रभावित क्षेत्र और क्षतिग्रस्त भवनों का जायजा लिया. शर्ची सड़क पर आई दरारों और भूस्खलन क्षेत्र का पैदल निरीक्षण किया. स्थानीय लोगों से भी भूवैज्ञानिकों ने बातचीत की और सभी तथ्यों को नोट किया. अब हर पहलू पर जांच करने के बाद 15 दिनों के अंदर जिलाधीश कुल्लू को अपनी रिर्पोट सौंपेंगे.
गौरतलब है कि तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत शर्ची में पड़ने वाले निचला बंदल और कोशुनाली गांव के करीब 20 रिहायशी मकानों में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से दरारें पड़ चुकी है. जिनमें से करीब चार मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और बाकी कभी भी ढह सकते हैं. ग्रामीणों में डर और भय का माहौल बना हुआ है. प्रशासन द्वारा एहतियातन इस क्षेत्र को असुरक्षित घोषित किया गया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर टेंट लगाकर राहत शिविरों में शरण दी गई है.