हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कुल्लू में प्लास्टिक के रैपर से तैयार हो रहे हैंडबैग, गांधी बाजार में शिराज के हुनर को मिल रहे पारखी - प्लास्टिक के रैपर से तैयार हो रहे हैंडबैग

हिमाचल प्रदेश के ढालपुर में गांधी शिल्प बाजार सजा हुआ है. जिसमें 14 राज्यों के लोगों द्वारा 100 स्टाल लगाए गए हैं. इन स्टालों में से एक स्टाल एसा भी है जो प्लास्टिक को रिसाइकिल कर हैंडबैग तैयार कर रहें हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Mar 15, 2023, 3:49 PM IST

ढालपुर में गांधी शिल्प बाजार.

कुल्लू:जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के मैदान में जहां इन दिनों गांधी शिल्प बाजार सजा हुआ है. तो वहीं, 14 राज्यों के 100 स्टाल भी यहां पर अपने-अपने राज्यों की हथकरघा व हस्तशिल्प से बनी चीजों का प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में एक स्टाल तो ऐसा भी है जो यहां पर कबाड़ से उत्पाद बनातक तैयार कर रहा है और जनता भी इन सामान को काफी पसंद कर रहे हैं.

ढालपुर मैदान में आयोजित गांधी शिल्प मेले में लखनऊ से एक शिल्पकार शिराज प्लास्टिक के बेकार सामानों से हैंडबैग तैयार कर रहा है और इन उत्पादों के माध्यम से लोगों को पर्यावरण का संदेश भी दे रहा है. शिराज के द्वारा प्लास्टिक के बेकार जैसे कुरकुरे, चिप्स, चॉकलेट के रैपर से हैंडबैग तैयार किए जा रहे हैं. ताकि प्लास्टिक रीसायकल किया जा सके और इससे पर्यावरण को भी नुकसान ना पहुंचे.

प्लास्टिक रैपर को रिसाइकिल कर तैयार किए जा रहे हैंडबैग.

ढालपुर मैदान में अपना स्टॉल लगाने वाले शिराज का कहना है कि 7 साल पहले उन्होंने एजुकेशनल एंड वेलफेयर संस्था से जुड़कर स्वच्छता को लेकर विभिन्न अभियान चलाए थे. इसी दौरान उन्होंने प्लास्टिक को रिसाइकिल करने का और अपने दोस्त मोशीन के साथ मिलकर 1 साल पहले करगा आर्ट शिल्प सोसायटी बनाकर अपना कारोबार करना शुरू किया. शिराज ने बताया कि प्लास्टिक रैपर को रिसाइकल कर उसे हैंडबैग बनाकर जहां पर अपना रोजगार चला रहे हैं. तो वहीं, कई लोगों को भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं.

प्लास्टिक रिसाइकिल से कमा रहे रोजगार: शिराज अपने इलाके में 15 लोगों को इसका प्रशिक्षण दे चुके हैं और वे लोग भी अब प्लास्टिक रिसाइकिल से अपना रोजगार कमा रहे हैं. उन्होंने पहली बार लखनऊ से बाहर पहली बार अपना स्टाल लगाया है और यहां पर लोग प्लास्टिक रीसायकल के बाद बने हैंडलूम भी काफी पसंद कर रहे हैं. शिराज ने बताया कि संस्था के माध्यम से स्वच्छता अभियान भी चला रहे हैं. तो इसके अलावा अपने शहर में भी प्लास्टिक रैपर को भी एकत्र करने में जुटे हुए हैं. ताकि उन रैपर को रिसाइकिल करके हस्तशिल्प को बढ़ावा दे सके.

कुल्लू के ढालपुर मैदान में गांधी शिल्प बाजार सजा.

ऐसे तैयार किया जाता है हैंडबैग: शिराज का कहना है कि प्लास्टिक रेपर को धोने के बाद हैंडलूम खड्डी पर 3 तरह की लेयर तैयार की जाती है और लेयर को सेनेटाइज करने के बाद उसे 2 दिनों तक धूप में सुखाकर लंबी-लंबी पटिया तैयार की जाती है. फिर खड्डी में पट्टियों की बनाई करके अलग-अलग थान तैयार किए जाते हैं और उसे दर्जी के द्वारा एक बैग तैयार किया जाता है. दर्जी को एक बैग तैयार करने में ढाई घंटे का समय लगता है. वही, इन बैग की कीमत 200 रुपए से लेकर 900 रुपए तक है.

ये भी पढ़ें:सोलन में पहाड़ी मटर के दामों में आया उछाल, बेंगलुरु की लाल -पीली शिमला मिर्च की हुई एंट्री

ABOUT THE AUTHOR

...view details