कुल्लू: पर्यटन नगरी मनाली से लेह का रोमांचक सफर करना अभी भी लोगों के लिए मुश्किल भरा है. बारालाचा दर्रे में बार-बार हो रही बर्फबारी से वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है.
बर्फबारी बन रही वाहनों की आवाजाही में परेशानी
बीते महीने बारालाचा दर्रे में दर्जनों वाहन भी फंस गए थे लेकिन लाहौल-स्पीति प्रशासन के द्वारा चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी चालकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया था. इसके बाद भी बारालाचा दर्रा अब बीआरओ के लिए परेशानी बना हुआ है. हालांकि बीआरओ एक महीने में 4 बार इस दर्रे को वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर चुका है लेकिन बार-बार बिगड़ रहा मौसम वाहनों की आवाजाही के लिए बाधा बन रहा है.
पिछले कुछ ही दिनों में फंसे एक हजार से अधिक लोगों को बचाने के लिए चलाए गए चार रेस्क्यू ऑपरेशन ने यह साफ कर दिया है कि बारालाचा दर्रा रोहतांग से भी ज्यादा खतरनाक साबित होने वाला है. अटल टनल के निर्माण से दुनिया के खतरनाक दर्रों में शामिल रोहतांग दर्रे से तो छुटकारा मिल गया है लेकिन सीमावर्ती क्षेत्र लेह लद्दाख की राह आसान नहीं हो पाई है. लेह लद्दाख में बैठे देश के प्रहरियों तक आसानी से पहुंचने और सालभर लेह को मनाली से जोड़े रखने के लिए बारालाचा, तांगलांग ला और लाचुंगला में टनल निर्माण करना होगा. रोहतांग दर्रा अटल टनल बनते ही तीन अक्टूबर 2020 के बाद मानों खामोश सा हो गया है लेकिन अब बारालाचा दर्रा सभी की जान जोखिम में डाल रहा है.