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हिमाचल से 'अटल' नाता, देवभूमि के लिए अभिभावक की तरह रहे पूर्व पीएम

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त 2018 को दुनिया को अलविदा कहा था. आज उनकी पहली पुण्यतिथि पर देश भर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. अटल बिहारी वाजपेयी बेशक पूरे देश के लिए प्रधानमंत्री थे, लेकिन हिमाचल के लिए वे अभिभावक की तरह रहे. आइए जानते हैं आखिर हिमाचल से उनका विशेष लगाव क्यों था और कैसे हुआ.

vajpayee death anniversary

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Published : Aug 16, 2019, 12:49 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 12:56 PM IST

मनाली: पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है. अटल जी ने 16 अगस्त 2018 को दुनिया को अलविदा कहा था. देश की राजनीति में उनकी अलग पहचान रही. अपने साधारण व्यक्तितत्व और पीएम रहते हुए देश के लिए किए गए कार्यों को कोई भी भारतवासी नहीं भूल सकता.

पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी का हिमाचल से गहरा नाता रहा है. वह मनाली को अपना दूसरा घर मानते थे. इसी के चलते भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मनाली से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर प्रीणी गांव में सुकून के पल बिताने के लिए अक्सर आया करते थे.

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हिमाचल के साथ उनका ये रिश्ता और भी मजबूत तब हुआ जब उनकी दत्तक पुत्री की शादी हिमाचल में हुई. अटल बिहारी वाजपेयी बेशक पूरे देश के लिए प्रधानमंत्री थे, लेकिन हिमाचल के लिए वे अभिभावक की तरह रहे. यही वजह है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कुल्लू के प्रीणी गांव में अपना आशियाना बसाया. वह ज्यादातर समय यहीं रहना पसंद करते थे. यहां के सौंदर्य पर उन्होंने कविताएं भी लिखी हैं. ''मनाली मत जइयो, गोरी राजा के राज में'' उन कविताओं में से एक है.
Last Updated : Aug 16, 2019, 12:56 PM IST

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