कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज घाटी के कोटला क्षेत्र के शौंशधार में पांच दिवसीय हारगी उत्सव का समापन हो गया है. इस उत्सव में देव रीति और नियमों के अनुरूप अनोखी परंपराओं का निर्वाह किया गया. कोठी बुंगा के गढ़पति देव बड़ा छमांहू से देवता का करीब एक सदी के बाद ऐतिहासिक मिलन हुआ है.
हारगी के अंतिम दिन देवताओं की विदाई के समय कारकून भावुक हो आए और उनके आंखें छलक गई. मेहमान देवता को विदाई देने के लिए देव बड़ा छमांहू के अलावा देव धामणी छमांहू, देवता खोडू और देवता आईडू भी कारकूनों के साथ समारोह में शामिल हुए.