कुल्लू: बारिश व बर्फबारी कुल्लू में किसानों व बागवानों के लिए राहत बनकर आई है. बारिश व बर्फबारी से खेतों में नमी लौट आई है और सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे होने की उम्मीद जगी है.
बागवानों ने ली राहत की सांस
जिले में एक महीने के अंतराल के बाद हुई बर्फबारी और बारिश से घाटी के बागवानों ने राहत की सांस ली है. सूखे के चलते बागवानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गई थीं. बीते दिन हुई बर्फबारी सेब की फसल के लिए अच्छी मानी जा रही है. गौरतलब है कि जनवरी में बर्फबारी और बारिश नहीं होने से चिलिंग ऑवर्स पर संकट पैदा हो गया था. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है मार्च तक चिलिंग आवर्स पूरे होने की उम्मीद है. अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफेद चांदी बिछ गई है. बर्फ से सेब के पौधों में कई बीमारियां नहीं लगेंगी.
क्या कहना है बागवानों का
बागवान लकी ठाकुर, रेवत राम, ज्ञानचंद, विजय कुमार, दीनानाथ, अमर चंद, ओम प्रकाश ठाकुर, चेत राम ठाकुर ने कहा कि जनवरी में बर्फबारी और बारिश देखने को नहीं मिली. इसके चलते बागवान निराश थे. फरवरी के पहले सप्ताह में ही बर्फबारी और बारिश हुई है. इससे बागवानों ने राहत की सांस ली है. उन्होंने कहा कि अब बागवान बगीचों में नए पौधे भी लगा सकेंगे. बगीचों में नए पौधे लगाने का कार्य सूखे के चलते रुका था.
बागवान महेंद्र का कहना है कि अब वे बगीचों में नए पौधे लगाने का कार्य करेंगे और मटर के लिए भी बारिश संजीवनी बनकर आई है.
क्या कहना है विशेषज्ञ का
उधर, बागवानी विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ उत्तम पराशर ने कहा कि बारिश और बर्फबारी सेब फसल के लिए बेहतर है. इससे जमीन में नमी आएगी और तापमान में भी गिरावट आई है, जो सेब चिलिंग आवर्स के लिए बेहतर है.
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