हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

यहां आज भी होती है मुगल सम्राट अकबर की पूजा, स्नोफोल के बीच मुखौटा लगाकर खुशी से झूमे ग्रामीण

विश्व के प्राचीनतम गांव मलाणा में देवता जमदग्नि ऋषि के सम्मान में फागली उत्सव का आगाज हो गया है. पांच दिवसीय इस उत्सव में आज भी मुगल सम्राट अकबर की पूजा की जाती है.

फागली उत्सव

By

Published : Feb 20, 2019, 12:10 PM IST

कुल्लू: विश्व के प्राचीनतम गांव मलाणा में देवता जमदग्नि ऋषि के सम्मान में फागली उत्सव का आगाज हो गया है. पांच दिवसीय इस उत्सव में आज भी मुगल सम्राट अकबर की पूजा की जाती है. सदियों से यहां फागली उत्सव मनाने का सिलसिला चल रहा है.

फागली उत्सव
हालांकि फागली उत्सव गत दिनों शुरू हो गया, लेकिन मंगलवार को देवलू राक्षस के मुखौटे पहनकर नृत्य किया. दोपहर के समय 3 देवलुओं ने देव आदेश पाकर पहले मलाणा गांव की परिक्रमा की और उसके बाद देव स्थल में नृत्य किया.देवता के कारदार ब्रेसतू राम और पुजारी सूरजणू राम ने बताया कि पुराने समय मे मलाणा गांव में भीक्षा मांगकर घूमते-घूमते दिल्ली से यहां पहुंचे दो साधुओं को सम्राट अकबर ने पकड़ लिया था. सम्राट के सैनिकों ने उनकी झोली में पड़ी तमाम दक्षिणा ले ली थी. इसके बाद जम्दग्नि ऋषि ने स्वप्न में अकबर को ये वस्तुएं लौटाने को कहा. जिस पर अकबर ने फिर सैनिकों के हाथ यहां अपनी ही सोने की मूर्ति बनाकर बतौर दक्षिणा वापस भेजी. इस मूर्ति की तब से यहां पूजा होती है.
वहीं, इस फागली उत्सव में अठारह करडू अपने मंदिर से बाहर निकलते हैं. ब्रेसतू राम और पुजारी सुरजणू का कहना है कि फागली उत्सव में जम्दग्नि ऋषि के बारह गांवों के लोग देवता की चाकरी के लिए पांच दिन तक मौजूद रहते हैं. अकबर के द्वारा भेंट की सोने व चांदी की मूर्ति की पूजा अर्चना कर बकरे को हलाल किया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details