कुल्लू:हिमाचल प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में जहां प्रदेश सरकार ने कार्य शुरू कर दिया है. तो वहीं, वाहनों को भी इलेक्ट्रिक बनाने की प्रक्रिया सरकार के द्वारा की जा रही है. इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी सरकार के द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन दे दिए गए हैं. लेकिन अभी तक इनके लिए चार्जिंग स्टेशन नहीं बन पाए हैं. ऐसे में जिन विभागों को इलेक्ट्रिक वाहन दिया गए हैं. वह अपने कार्यालय से ही फिलहाल गाड़ियों को चार्ज करने का काम कर रहे हैं.
जिला कुल्लू में 18 चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए बीते दिनों प्रशासन के द्वारा भूमि का चयन किया गया था, लेकिन अब भूमि चयन में वन संरक्षण अधिनियम आड़े आ गया है. जिला कुल्लू में 18 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाने हैं और इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा 32 स्थानों का चयन किया गया है. 32 स्थानों पर जो भूमि देखी गई है. उनमें से 21 भूमि वन विभाग के अधीन है और यहां पर चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए पहले वन संरक्षण अधिनियम की अनुमति लेनी होगी.
इसके अलावा कुल्लू विधानसभा में 10 स्थानों पर भूमि का चयन किया गया है. मनाली में 4, बंजार व आनी में सात-सात और निरमंड में चार जगह पर भूमि का चयन किया गया है. बंजार में एक स्थान को छोड़कर बाकी वन भूमि के अधीन है. आनी और निरमंड में भी सभी स्थानों पर चयनित भूमि वन विभाग के अधीन है. कुल्लू और मनाली में दो-दो स्थानों पर वन विभाग की भूमि है. ऐसे में चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए वन विभाग की औपचारिकताएं पूरी करनी होगी.