कुल्लू:जिला कुल्लू में परिसीमन के बाद वर्ष 2012 में विधानसभा सीट बनी मनाली में कांग्रेस और भाजपा दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है. शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर यहां से लगातार दो बार विधायक बने हैं, जबकि कांग्रेस अभी तक यहां अपना खाता भी नहीं खोल पाई. गोविंद ठाकुर लगातार तीन जीत दर्ज कर चुके हैं. दो बार वह मनाली विधानसभा से चुनाव जीते, जबकि पहली बार वह कुल्लू विधानसभा से विजयी हुए हैं. उस दौरान मनाली भी कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में ही आता था. इस बार मनाली हॉट सीट बन गई है. (Manali Assembly Constituency) (Himachal Pradesh elections result 2022)
कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला: मनाली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. निर्दलीय प्रत्याशी व अन्य दल कांग्रेस और भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी कर रहे हैं. इससे कांग्रेस-भाजपा के सियासी समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं. पिछले कई वर्षों से अलग-अलग राहों पर चलने वाले कांग्रेस के नेता इस बार कसमें खाकर एक मंच पर आए. चुनाव से पूर्व हिड़िंबा मंदिर में पहुंचकर टिकट के सभी तलबगारों ने जल ग्रहण कर कसमें खाई थी कि जिसे भी टिकट मिलेगा सब साथ चलेंगे. कांग्रेस से टिकट भुवनेश्वर गौड़ को मिलने के बाद सभी नेताओं ने अपनी कसम निभाई. सभी ने एकजुट होकर कांग्रेस की जीत के लिए कार्य किया. वहीं, दूसरी ओर भाजपा भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी. कांग्रेस पर मनाली में खाता खोलने का दबाव है तो प्रतिष्ठा बचाने के लिए भाजपा जीत का चौका लगाने के लिए बेताब है.
मनाली में पहली बार 2012 में हुए थे चुनाव: वर्ष 2008 में पुर्नसीमांकन के बाद कुल्लू से कटकर मनाली अलग विधानसभा बनाई गई. वर्ष 2007 में कुल्लू विधानसभा से चुनाव लड़कर गोविंद सिंह ठाकुर पहली बार विधायक बने. वर्ष 2012 में पहली बार मनाली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव हुआ. भाजपा ने गोविंद सिंह ठाकुर को मनाली से चुनाव मैदान में उतारा तो कांग्रेस प्रत्याशी भुवनेश्वर गौड़ को हराकर वह मनाली विधानसभा के पहले विधायक बने. हालांकि, यह उनकी दूसरी जीत थी. वर्ष 2017 में हुए चुनाव में भी गोविंद सिंह ठाकुर ने जीत की हैट्रिक मनाते हुए दूसरी बार मनाली में भाजपा का परचम लहराया.