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सड़क सुरक्षा अभियान कार्यक्रम में बोले शिक्षा मंत्री- अभियान को जन आंदोलन बनाना समय की जरूरत

कुल्लू के ऐतिहासिक रथ मैदान में सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा थीम पर जिला स्तरीय राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा अभियान पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. शिक्षा मंत्री ने इस दौरान कहा कि हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और इसे अपने स्वभाव में ढालना चाहिए.

road safety campaign
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Published : Jan 23, 2021, 4:15 PM IST

कुल्लू: सड़क सुरक्षा अभियान को जन-आंदोलन बनाना समय की आवश्यकता है. हर व्यक्ति को सड़क सुरक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और इसे अपने स्वभाव में ढालना चाहिए. ऐसा करने से सड़कों में जान गंवाने वालों की संख्या में अचानक कमी आएगी. सड़क दुर्घटनाएं नाममात्र रह जाएंगी. यह बात शिक्षा, कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद ठाकुर ने शनिवार को कुल्लू के ऐतिहासिक रथ मैदान में सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा थीम पर जिला स्तरीय राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा अभियान की अध्यक्षता करते हुए कही.

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वर्ष 2020 में 2039 सड़क दुर्घटनाएं

शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि मनुष्य जीवन लाखों योनियों में जन्म लेने के बाद मिलता है और इस बहुमूल्य जिदंगी को यूं ही सड़कों पर खत्म नहीं किया जा सकता. सड़क पर हर रोज जितने लोग अपनी जान गवां देते हैं, इतनी जानें शायद किसी महामारी में भी नहीं जाती. मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में हर रोज 1214 लोग सड़क दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बन जाते हैं. हिमाचल के परिपेक्ष्य में उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में 2039 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 892 लोगों ने अपनी जान गवां दी. 3224 घायल हुए.

सड़क सुरक्षा अभियान कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री

सड़क दुर्घटनाओं में कमी

ओवर स्पीड में 1400 दुर्घटनाएं घटीं, सड़क पर अठखेलियां करते समय 239 युवाओं ने दुर्घटनाएं की, लेन बदलते हुए 102 और ओवरटेकिंग के कारण 117 दुर्घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. कुल्लू जिला में इसी अवधि में 163 दुर्घटनाएं हुई और 53 लोग काल का ग्रास बनें. लाॅकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत फीसदी की कमी दर्ज की गई है. मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक है कि हमें यातायात के नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने के लिए आज भी ऐसे जागरूकता अभियानों का सहारा लेना पड़ता है.
सड़क नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम लोग अपने आप नियमों का पालन करने में हिचकिचाते हैं. इसलिए अधिनियम का सहारा लेकर कानून का भय होना जरूरी है. सड़क नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसा न करने की स्थिति में व्यक्ति की आदत कानून को तोड़ने की बन जाती है और वह बेपरवाह होकर दूसरों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश को हर साल चार लाख करोड़ की आर्थिक क्षति हो जाती है. उन्होंने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम-2019 में कड़े प्रावधान किए गए हैं ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके. अधिनियम का सख्ती के साथ पालन करने की जरूरत है.

सड़क सुरक्षा अभियान कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री

सभी वाहन एसोसिएशन आयोजित करें जागरूकता शिविर

गोविंद ठाकुर ने ट्रक यूनियन, बस आप्रेटर्ज, टैक्सी यूनियन, रिक्शा और अन्य वाहन एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से समय-समय पर सड़क सुरक्षा के बारे में शिविरों का आयोजन करने को कहा. उन्होंने कहा कि सभी चालकों का एक निश्चित अंतराल में मेडिकल परीक्षण किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि 96.04 प्रतिशत दुर्घटनाएं मनुष्य की गलती के कारण होती हैं. केवल चार प्रतिशत दुर्घटनाएं खराब सड़कों, ब्लैक हॉल या अन्य कारणों से होती हैं. इन 96 प्रतिशत दुर्घटनाओं को होने से बचाया जा सकता है. यह सब चालकों के हाथ में हैं. उन्होंने कहा कि ओवर स्पीड, नशे की हालत में वाहन चलाना और रैश ड्राईविंग से बचते हैं तो निश्चित तौर पर आपकी जिंदगी को कोई खतरा नहीं है. दोपहिया चालकों को हैलमेट बहुत जरूरी है. इससे पहले शिक्षा मंत्री ने बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जो लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों का संदेश देते हुए कुल्लू शहर से गुजरी. उन्होंने बाइकर्ज और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले मन्नत कला संगम और डी.पायरेटस सांस्कृतिक दल को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए.

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