कुल्लू:प्रदेश के साथ-साथ जिला में आगामी 15 अप्रैल से आरंभ होने वाली स्वर्णिम रथ यात्रा में कुल्लू का पिछले 50 सालों के दौरान विकास, यहां की लोक संस्कृति व लोक परम्पराओं के अलावा हस्तशिल्प व हथकरघा को देश-दुनिया तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे.
यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कही. वह कुल्लू के देवसदन में स्वर्णिम रथ यात्रा के दौरान जिलाभर में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न 51 समारोहों के आयोजन को लेकर बुलाई गई जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि जिला में पिछले 50 सालों के दौरान विकास के प्रत्येक क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है. हमारा जिला 50 साल पहले विकास की दृष्टि से कहां था और आज कहां पहुंच गया है, स्वर्णिम रथ यात्रा में जन-जन तक इसका संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जिला के लिए राज्य सरकार ने अलग से झांकीनुमा रथ प्रदान किया है जो विकास का प्रतीक है. इसके साथ दो अन्य वाहन भी चलेंगे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपमण्डल में कम से कम 6 बड़े समारोंहों का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए स्थलों का निर्धारण कर लिया गया है. सभी समारोहों स्थलों पर 500 से 600 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि रथ यात्रा में जन-जन को जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए.
पंचायत स्तर तक बनेगी समितियां
शिक्षा मंत्री ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान आयोजित किए जाने वाले समारोहों के लिए जिला स्तर के अलावा उपमण्डल स्तरीय समितियों का गठन किया गया है. ये समितियां पंचायतों के कलस्टर स्तर पर बनाई जाएंगी. समितियों में पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधि व क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों को शामिल किया जाएगा.
ये समितियां संबंधित क्षेत्रों में आयोजित किए जाने वाले समारोहों की कार्यनीति बनाकर इसे अमलीजामा पहनाएंगी. जिला व उप मण्डल स्तर की समितियों में अधिक से अधिक गैर सरकारी सदस्यों को जोड़कर उनकी सहभागिता को सुनिश्चित बनाया जाएगा. पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि संबंधित क्षेत्रों के अधिक से अधिक लोगों को समारोह स्थल तक लाने के लिए प्रेरित करेंगे. स्वर्णिम रथ की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.
पंचायतें करेंगी स्वर्णिम रथ का स्वागत
शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वर्णिम रथ जिला की लगभग सभी पंचायतों में जाएगा. जिस पंचायत में रथ प्रवेश करेगा, वहां पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि व आम लोग रथ का स्वागत व अगवानी करेंगे. इसके उपरांत रथ पूर्व निर्धारित समारोह स्थल पर आएगा जहां लगभग 10 ग्राम पंचायतों के कलस्टर के लोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने व बतौर दर्शक शामिल होंगे.