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स्वर्णिम रथ यात्रा में दिखेगा कुल्लू का विकास, लोक संस्कृति व लोक परम्पराएं: गोविंद ठाकुर

आगामी 15 अप्रैल से आरंभ होने वाली स्वर्णिम रथ यात्रा में कुल्लू का पिछले 50 सालों के दौरान विकास, यहां की लोक संस्कृति व लोक परम्पराओं के अलावा हस्तशिल्प व हथकरघा को देश-दुनिया तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे. यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कही.

Govind Singh Thakur news, गोविंद सिंह ठाकुर न्यूज
फोटो.

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Published : Mar 13, 2021, 5:09 PM IST

कुल्लू:प्रदेश के साथ-साथ जिला में आगामी 15 अप्रैल से आरंभ होने वाली स्वर्णिम रथ यात्रा में कुल्लू का पिछले 50 सालों के दौरान विकास, यहां की लोक संस्कृति व लोक परम्पराओं के अलावा हस्तशिल्प व हथकरघा को देश-दुनिया तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे.

यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कही. वह कुल्लू के देवसदन में स्वर्णिम रथ यात्रा के दौरान जिलाभर में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न 51 समारोहों के आयोजन को लेकर बुलाई गई जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.

वीडियो रिपोर्ट.

गोविंद ठाकुर ने कहा कि जिला में पिछले 50 सालों के दौरान विकास के प्रत्येक क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है. हमारा जिला 50 साल पहले विकास की दृष्टि से कहां था और आज कहां पहुंच गया है, स्वर्णिम रथ यात्रा में जन-जन तक इसका संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जिला के लिए राज्य सरकार ने अलग से झांकीनुमा रथ प्रदान किया है जो विकास का प्रतीक है. इसके साथ दो अन्य वाहन भी चलेंगे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपमण्डल में कम से कम 6 बड़े समारोंहों का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए स्थलों का निर्धारण कर लिया गया है. सभी समारोहों स्थलों पर 500 से 600 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि रथ यात्रा में जन-जन को जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए.

पंचायत स्तर तक बनेगी समितियां

शिक्षा मंत्री ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान आयोजित किए जाने वाले समारोहों के लिए जिला स्तर के अलावा उपमण्डल स्तरीय समितियों का गठन किया गया है. ये समितियां पंचायतों के कलस्टर स्तर पर बनाई जाएंगी. समितियों में पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधि व क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों को शामिल किया जाएगा.

ये समितियां संबंधित क्षेत्रों में आयोजित किए जाने वाले समारोहों की कार्यनीति बनाकर इसे अमलीजामा पहनाएंगी. जिला व उप मण्डल स्तर की समितियों में अधिक से अधिक गैर सरकारी सदस्यों को जोड़कर उनकी सहभागिता को सुनिश्चित बनाया जाएगा. पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि संबंधित क्षेत्रों के अधिक से अधिक लोगों को समारोह स्थल तक लाने के लिए प्रेरित करेंगे. स्वर्णिम रथ की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.

पंचायतें करेंगी स्वर्णिम रथ का स्वागत

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वर्णिम रथ जिला की लगभग सभी पंचायतों में जाएगा. जिस पंचायत में रथ प्रवेश करेगा, वहां पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि व आम लोग रथ का स्वागत व अगवानी करेंगे. इसके उपरांत रथ पूर्व निर्धारित समारोह स्थल पर आएगा जहां लगभग 10 ग्राम पंचायतों के कलस्टर के लोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने व बतौर दर्शक शामिल होंगे.

समारोहों में होंगे विविध लोक लुभावने कार्यक्रम

गोविंद ठाकुर ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान जहां पर भी समारोहो का आयोजन किया जाएगा, वहां संबंधित क्षेत्र की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के पुरजोर प्रयास किए जाएंगे. समारोह में विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें पारम्परिक व आधुनिक खेल स्पर्धाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां, स्वयं सहायता समूहों व महिला मण्डलों द्वारा तैयार किए गए स्थानीय उत्पाद व व्यंजनों को शो-केस करना व इनकी बिक्री को प्रोत्साहित करना.

वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ व नाटकों के माध्यम से विकास व लोक संस्कृति के प्रदर्शन के साथ-साथ लोगों का मनोरंजन. क्षेत्र के प्रबुद्धजनों व बुजुर्गों के अनुभव के अलावा नशामुक्ति से जुडे़ कार्यक्रम व स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये समारोहों एक प्रकार का क्षेत्र के लोगों के लिए मेला होगा जहां वे जानकारी के साथ विभिन्न प्रकार के उत्पादों की खरीद-व-फरोख्त भी कर सकेंगे.

मनाली व कसोल में अंतरराष्ट्रीय फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मनाली और कसोल में देश व विदेशों से बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं. इन क्षेत्रों में बहुतायत में होटल हैं जिनमें सभी राज्यों व देशों के व्यंजन सैलानियों को परोसे जाते हैं. उन्होंने कहा कि कुल्लू के ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक ऐसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाएं जाते हैं जिन्हें देश के अन्य भागों में मशहूर करने की जरूरत है.

इसी उद्देश्य से मनाली व कसोल में बड़े स्तर के फूड फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे. इनमें लोग मोमो, सिड्डू के अलावा खनोर का हलवा, चिलड़े व मारचू जैसे स्वादिष्ट व स्वास्थ्यवर्धक व्यंजनों को प्रदर्शित करने के साथ इनकी बिक्री कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यंजनों की मेडिसनल वैल्यू है, लेकिन इन्हें जिला से बाहर लोकप्रिय बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि फूड फेस्टिवल का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना भी है. इसमें होटल एसोसियेशन का भी सहयोग लिया जाएगा.

साहसिक खेलें करेंगी सैलानियों को आकर्षित

गोविंद ठाकुर ने कहा कि जिला में पैरा ग्लाईडिंग, रिवर राफ्टिंग, स्कीईग, हैली स्कींईग, आईस स्केटिंग, स्नो स्कूटर, रॉक क्लाईबिंग जैसी अनेक साहसिक खेलों के लिए अनुकूल माहौल मौजूद है. इन खेलों का भी रथ यात्रा के दौरान प्रदर्शन किया जाएगा. सम्भवतः सैलानियों के लिए ये खेलें आकर्षण का केन्द्र रहेंगी. इसके लिए पर्वतारोहरण संस्थान मनाली का सहयोग लेंगे.

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