कुल्लू: शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा विभग द्वारा किए जा रहे काम के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने लाखों विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता करते हुए ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की है. तकनीक का उपयोग करते हुए हर घर पाठशाला कार्यक्रम शुरू किया गया जिससे विद्यार्थियों बड़ी राहत मिली.
इस कार्यक्रम से सभी बच्चों और अध्यपाकों को जोड़ा गया. गूगल मीट व जूम ऐप के माध्यम से बच्चों की वर्चुअल कक्षाएं नियमित रूप से ली जा रही हैं. इससेे सभी बच्चे अपने पाठयक्रम से पूरी तरह से अपडेट हैं और जरूरत पड़ने पर बच्चों की काउंसलिंग की भी व्यवस्था की गई है.
जमा दो की परीक्षा होगी जल्द
गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष परीक्षा काल के दौरान कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जबरदस्त दस्तक दी. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जमा एक तक की परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बच्चों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने का निर्णय लिया. हालांकि जमा दो की परीक्षाएं अभी करवाई जानी बाकी हैं जिसका निर्णय जल्द ही कोविड मामलों की स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा.
ऑनलाइन पढ़ाई का लिया जा रहा फीडबैक
शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से ऑनलाइन पढ़ाई की फीडबैक ले रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चों को ई-लर्निंग के दौरान कोई दिक्कत न हो, गणित, विज्ञान जैसे विषयों को समझने में उन्हें कोई समस्या न हो, इसके लिए विभाग द्वारा नियमित रूप से फीडबैक लिया जा रहा है.
प्रधानमंत्री के निर्णयों को बताया ऐतिहासिक
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फंड के तहत मुफ्त शिक्षा और इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी. ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र से पांच साल तक मासिक भत्ता दिया जाएगा और 23 साल की उम्र में एकमुश्त 10 लाख रुपए मिलेंगे. गोविंद ठाकुर ने इन निर्णयों को बच्चों की शिक्षा व आर्थिक सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम बताते हुए नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है.
उच्च शिक्षा के लिए मिलेगा ब्याज मुक्त लोन
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा दस साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में कराया जाएगा. अगर बच्चा निजी स्कूल में पढ़ रहा है, तो पीएम केयर्स से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत तय फीस भरी जाएगी. बच्चे को यूनिफाॅर्म, किताबें और नोटबुक के लिए भी भुगतान किया जाएगा. उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को पीएम केयर्स से ब्याज मुक्त लोन मिल सकेगा. स्नातक या रोजगारपरक पाठ्यक्रमों में ट्यूशन फीस या कोर्स फीस के बराबर स्कॉलरशिप दिया जाएगा. जो बच्चे अभी तक छात्रवृत्ति योजना के दायरे में नहीं हैं, उन्हें पीएम केयर्स स्कॉलरशिप प्रदान किया जाएगा.
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