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जिला किसान खेतिहर यूनियन ने की बैठक, मांगों को लेकर सरकार को भेजा ज्ञापन

जिला किसान खेतिहर यूनियन की बैठक जिला मुख्यालय कुल्लू के ढालपुर स्थित परिधि गृह में आयोजित हुई. इस मौके पर यूनियन की ओर से मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन भी भेजा गया. यूनियन के प्रधान रमेश ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कृषि व बागवानी के उपकरणों पर सब्सिडी का प्रावधान तो रखा है पर सब्सिडी पाने के लिए जिस जटिल प्रक्रिया में गुजरना पड़ता है उसमें बहुत समय लगता है जिससे किसानों को सब्सिडी का इंतजार करना पड़ता है.

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Published : Apr 20, 2021, 6:29 PM IST

District Farmers Agricultural Union held a meeting in kullu
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कुल्लूः जिला किसान खेतिहर यूनियन की बैठक जिला मुख्यालय कुल्लू के ढालपुर स्थित परिधि गृह में आयोजित हुई. इस मौके पर यूनियन की ओर से मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन भी भेजा गया. यूनियन के प्रधान रमेश ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से सेब का समर्थन मूल्य कम से कम 25 रुपये निर्धारित किया जाए.

सब्सिडी पाने के लिए बहुत समय किसानों को करना पड़ता है इंतजार

यूनियन के प्रधान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कृषि व बागवानी के उपकरणों पर सब्सिडी का प्रावधान तो रखा है पर सब्सिडी पाने के लिए जिस जटिल प्रक्रिया में गुजरना पड़ता है उसमें बहुत समय लगता है जिससे किसानों को सब्सिडी का इंतजार करना पड़ता है. उसमें भी यदि किसी फाइल में कहीं कोई त्रुटि रह जाती है तो किसानों की फाइलें अधिकारियों के कार्यालय में ही रह जाती हैं.

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यूनियन ने ये रखी सरकार से मांग

प्रधान रमेश ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि किसानों की सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाया जाए. बागवानी विभाग में जो दवाइयां किसानों व बागवानों को दी जाती हैं वो पार्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों और किसानों को उन्नत बीज भी मिलें. वहीं उन्होंने कहा कि छोटे व मध्यमवर्गी किसान किसी भी सरकारी योजना का लाभ समय पर नहीं ले पा रहे हैं मजबूरन किसानों व बागवानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए निजी दुकानों से मंहगे दामों पर दवाइयां लेनी पड़ती हैं, दवाइयां महंगी होने के कारण बागबान कर्ज में डूबता जा रहा है.

प्रधान रमेश ठाकुर का कहना है कि जब बागवान अपनी फसल को बाजार की मंडियों में बेचने के लिए लाता है तो सरकार के द्वारा समर्थन मूल्य न के बराबर होने की वजह से बाजार में औने-पौने दामों पर बेचने पर मजबूर हो जाता है. यूनियन ने सरकार से मांग की है कि समर्थन मूल्य को उचित किया जाए ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके.

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