कुल्लू/मंडी: सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji) का प्रकाशोत्सव (Prakashotsav) जिला कुल्लू के मुख्यालय अखाड़ा बाजार स्थित गुरुद्वारा में (Gurudwara) धूमधाम के साथ मनाया गया. 2 सालों तक कोरोना संकट के कारण उत्सव को सीमित रूप से मनाया जाता रहा, लेकिन इस साल यहां विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. गुरु नानक देव जी का जीवन भक्ति और वैराग्य से परिपूर्ण रहा है. उन्होंने समाज को जो शिक्षाएं और उपदेश दिए हैं, वे युगों तक सदैव प्रासंगिक रहेंगे.
प्रकाशोत्सव के अवसर पर शुक्रवार तड़के प्रभात फेरी निकाली गई. वहीं, दोपहर तक अरदास का आयोजन किया गया. इसके बाद आयोजित लंगर में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. अखाड़ा बाजार में प्रकाशोत्सव के मौके पर गुरुद्वारे को फूलों और लाइटों से सजाया गया था. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Gurdwara Management Committee) के अध्यक्ष जीएस बब्बू ने बताया कि बुधवार को अखंड पाठ का आयोजन रखा गया था और शुक्रवार को उसका भोग डाला गया है.
गुरु नानक जी (Guru Nanak Dev) के प्रकाशोत्सव को लेकर यहां लोगों में काफी उत्साह है और सभी धर्मों के लोगों ने गुरुद्वारा में आकर लंगर भी ग्रहण किया है. जीएस बब्बू ने बताया कि यह प्रकाश पर्व हमें गुरू नानक देव के बताए हुए मार्ग पर चलने और उनकी शिक्षा को आचरण में उतारने का मार्ग दिखाता है. उनकी शिक्षा में 'इक ओंकार सत नाम' का मूल मंत्र गहन प्रेरणा देने वाला है. उन्होंने कहा कि भलाई के मार्ग पर चलने के सिद्धांत, करुणा, न्याय और समानता की भावना को प्रदर्शित करने वाली उनकी शिक्षाएं मानव जाति का मार्गदर्शन करने वाली हैं.