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डिपो होल्डरों की कुल्लू में बैठक: सरकार ने बातचीत के लिए नहीं बुलाया तो देंगे धरना - ETV Bharat Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश में प्रदेश सरकार या तो डिपो होल्डर को वार्ता के लिए बुलाया जाए या फिर डिपो होल्डर राशन के थोक बिक्री केंद्रों के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे, ताकि 4 सालों से जो डिपो होल्डर की समस्या है उस पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाए. मोहल में हिमाचल प्रदेश डिपो संचालक समिति की बैठक आयोजित की (depot holder meeting in kullu)गई.

depot holders meeting in kullu
डिपो होल्डरों की कुल्लू में बैठक

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Published : Feb 25, 2022, 4:50 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में प्रदेश सरकार या तो डिपो होल्डर को वार्ता के लिए बुलाया जाए या फिर डिपो होल्डर राशन के थोक बिक्री केंद्रों के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे, ताकि 4 सालों से जो डिपो होल्डर की समस्या है उस पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाए. मोहल में हिमाचल प्रदेश डिपो संचालक समिति की बैठक आयोजित की (depot holder meeting in kullu)गई.

वहीं ,जिला कुल्लू के विभिन्न इलाको से आए डिपो होल्डरों ने भी बैठक में भाग लिया. बैठक में निर्णय लिया गया कि 1 मार्च तक अगर सरकार के द्वारा डिपो होल्डर की मांगों को लेकर उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया. मजबूरन में थोक बिक्री केंद्रों के बाहर धरने पर बैठ (Depot holders will protest)जाएंगे और किसी भी सहकारी सभा या डिपो होल्डर को वहां से राशन नहीं ले जाने दिया जाएगा.

प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण सूद ने बताया कि डिपो होल्डर को जो ऑनलाइन मशीनें दी गई ,उसमें भी इंटरनेट सरकार व विभाग की ओर से मुहैया नहीं करवाया गया. इंटरनेट का खर्चा भी डिपो होल्डर को उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा थोक बिक्री केंद्रों में सरकार द्वारा अनुदानित खाद्य पदार्थों को समय पर एक साथ उपलब्ध करवाया जाना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को भी एक समय पर राशन मिल सके.

उनका कहना है कि संगठन बीते 4 सालों से डिपो होल्डर के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग कर रहा, लेकिन सरकार द्वारा हर बार सिर्फ कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे. प्रवीण सूद का कहना है कि विक्रेताओं को बार बार थोक बिक्री केंद्र के चक्कर काटने के बजाय ठेकेदार द्वारा ही उचित मूल्य की दुकान पर राशन पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.

इसके अलावा आए दिन नई शाखाओं को खोलने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा पारित किए गए निर्देशों का भी पालन किया जाना चाहिए. प्रवीण सूद का कहना है कि हिमाचल में 5 किलो के गैस सिलेंडर के आवंटन का कार्य भी धरातल पर अभी तक लागू नहीं किया गया और चीनी पर भी जो कमीशन दिया जा रहा वह भी बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है.

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