कुल्लूःपर्यटन स्थल मनाली के साथ लगते नग्गर में गनेड उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान स्थानीय लोगों के द्वारा अनूठी परंपरा का निर्वहन किया गया. यहां लोगों द्वारा अश्लील जुमले गाकर बुरी शक्तियों का अंत किया गया. अश्लील गालियां देकर बुरी असूरी शक्तियों के अंत की यह परंपरा काफी पुरानी है.
इस उत्सव में स्थानीय देवता के गुर को सींग लगाकर उसे नचाया जाता है और वह इस दौरान अपने गांव की संस्कृति का वर्णन करता है. देवता के कारदार जोगिंद्र ने बताया कि हिमाचल देवभूमि है और यहां देव संस्कृति को मान्यता दी जाती है, जिसमें कुल्लू जिले का अपना एक अहम स्थान है.
उन्होंने कहा कि नग्गर कुल्लू की पुरानी राजधानी भी रही है. इसलिए आज गनेड उत्सव को यहां धूमधाम से मनाया गया. स्थानीय लोगों ने इस उत्सव में हिस्सा लिया और अश्लील जुमले की परंपरा का निर्वहन करते हुए इसे संपन्न किया.
क्या है उत्सव के पीछे की लोक गाथा
लोक कथाओं के अनुसार पुराने समय में नग्गर में एक राजदरबार चल रहा था और उसमें खूब नाच गाना हो रहा था. इस जश्न में रानी का भाई और राजा दोनों एक साथ नाच रहे थे. जब वे नाचते-नाचते थक कर आराम के लिए बैठे तो रानी से पुछ लिया कि आज सबसे अच्छा कौन नाचा.