कुल्लू: प्रदेश की विभिन्न फोरलेन परियोजनाओं (forelane projects) में भू-अधिग्रहण में 1 अप्रैल 2015 को त्रुटिपूर्ण ढंग से लगाये गए फैक्टर (Factor) को लेकर जनता 2015 से इस मामले के निपटारे की मांग कर रही है, लेकिन सरकार इस और कोई ध्यान नही दे रही. ऐसे में प्रभावितों की मांग के निपटारे के लिए जल्द से जल्द चुनावी आचार संहिता (Code of conduct) से पहले फैक्टर को लागू किया जाए.
फोरलेन संघर्ष समिति की बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष ब्रजेश महंत ने कहा प्रदेश की विभिन्न परियोजनाओं में भू-अधिग्रहण में पिछले काफी समय से जनता परेशान है. आने वाले समय में शिमला-मटौर, हमीरपुर-मंडी जैसी सड़कों और बल्ह एयरपोर्ट के भू अधिग्रहण में जनता का रोष सड़कों पर उतरना लगभग तय दिख रहा, आने वाले उपचुनावों में राजनैतिक दलों के गले की फांस बन सकता है.
2022 के चुनावों में हार-जीत की लड़ाई में बड़ा गेमचेंजर (गेम चेंजर) हो सकता है. इन्हीं हालातों के मद्देनजर 14 जुलाई 2021 को शिमला में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर (Education Minister Govind Thakur) की अध्यक्षता में हुई फोरलेन मामलों की कैबिनेट सब कमेटी (cabinet sub committee) में फोरलेन से जुड़े पुनर्स्थापना व पुनर्वास व पांच मीटर कंट्रोल विड्थ जैसे पाॅलिसी मैटर के साथ-साथ फैक्टर का मामला जोर-शोर से उठा था.