कुल्लू: धार्मिक संस्थानों को खोलने के लिए निर्धारित एसओपी के तहत आवश्यक दिशा-निर्देश डीसी डॉ. ऋचा वर्मा ने जिला कुल्लू की देव संस्कृति/देव परम्परा और पूजा पद्धति को ध्यान में रखते हुए जारी किए हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 5 सितंबर, 2020 को यह दिशा निर्देश जारी किए थे.
जारी किए गए आदेशों के अनुसार जिला कुल्लू के देवी-देवताओं को प्रचलित परम्पराओं के अनुसार केवल अपने हारियान क्षेत्र में ही यात्रा करनी होगी और देवी-देवता गाड़ी में सफर नहीं करेंगे और न ही अपने पूजित क्षेत्र (हार) से बाहर जाएंगे. आदेश के अनुसार एक समय में 15 बजंतरियों सहित 100 लोगों को ही देवी-देवता के साथ जाने की अनुमति होगी.
कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए देवता के साथ जाने वाले सभी कारकूनों/देवलुओं को मास्क का प्रयोग करना और उचित सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक होगा. जिस घर में देवता का रथ/ पालकी जाएगी, वहां देवता के हारियान/ कारकूनों के अतिरिक्त कोई भी अन्य व्यक्ति नहीं बुलाया जाएगा. देवता का रथ एवं पालकी को किसी ऐसे स्थान पर ले जाया जाना मान्य नहीं होगा जहां कोविड-19 महामारी का मरीज उपचाराधीन हो.
इसके अतिरिक्त, नवरात्रों के दौरान एवं मंदिर में होने वाले विशेष पूजा-अनुष्ठानों के समय सभी कारकूनों को मास्क का प्रयोग और उचित सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा. हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 5 सितम्बर, 2020 को जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समुचित सेनेटाईजेशन (स्वच्छता) की व्यवस्था को सुनिश्चित करना देवता/मंदिर प्रशासन की जिम्मेदारी होगी.