भुतंर में ब्यास नदी के किनारे बनेगा भव्य घाट कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में पर्यटन स्थलों की भरमार है. यह स्थल जितना अपने पर्यटन क्षेत्रों को लेकर जाना जाता है उतना ही कुल्लू जिला अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है. हर साल पर्यटकों के साथ-साथ सैकड़ों श्रद्धालु भी कुल्लू जिले का रुख करते हैं. कुल्लू जिले में आस्था और पर्यटन की आपार संभावनाओं को देखते हुए कुल्लू के भुंतर में अब जल्द ही ब्यास नदी किनारे घाट की स्थापना की जाएगी. घाट निर्माण के बाद यहां पर धार्मिक कार्यों को पूरा किया जाएगा.
'घाट पर होगी देवताओं के शाही स्नान की व्यवस्था': भुंतर में सब्जी मंडी के समीप बैली ब्रिज के पास घाट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और यहां पर जिला कुल्लू के विभिन्न स्थानों से आने वाले देवी-देवताओं के शाही स्नान की भी व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा आने वाले समय में इस घाट पर ब्यास आरती का भी आयोजन किया जाएगा और इस स्थल को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा. यह बात सीपीएस सुंदर ठाकुर ने घाट निर्माण कार्य के निरीक्षण के दौरान कही. सीपीएस सुंदर ठाकुर ने मंगलवार को सब्जी मंडी के पास नदी किनारे घाट का निरीक्षण किया.
'धार्मिक पर्यटन के रुप में होगा विकसित': इस मौके पर उन्होंने कहा कि यहां पर पहले प्रवासी मजदूर रहते थे और स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार यह मांग रखी गई थी कि इन प्रवासी मजदूरों को यहां से हटाया जाए. वहीं, जिला प्रशासन के द्वारा अब यहां से प्रवासी मजदूरों को हटा दिया गया और खाली पड़ी भूमि पर घाट बनाने की प्रक्रिया को भी शुरू किया जा रहा है. सुंदर ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि यह संगम स्थल आने वाले समय में धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित होगा. क्योंकि यहां पर पार्वती नदी व ब्यास नदी का संगम होता है और लोग धार्मिक परंपराओं को निभाने के लिए यहां आते हैं. लेकिन प्रवासी लोगों के यहां पर होने के चलते हमेशा गंदगी फैली रहती थी. अब प्रवासी लोगों को यहां से हटा दिया गया है.
'पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा': सीपीएस सुंदर ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस बारे में चर्चा की जाएगी और घाट को विस्तृत रूप दिया जाएगा. पहले चरण में देवी-देवताओं व श्रद्धालुओं के स्नान करने की सुविधा के लिए कार्य किया जा रहा है और आने वाले समय में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. वहीं, यहां पर घाट बनने के कारण यह घाट पूरे हिमाचल प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाएगा और कुल्लू जिलें में भी पर्यटन को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा.
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