कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के छठे दिन लालड़ी नृत्य का आयोजन किया गया. इस नृत्य में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए. रथ मैदान में आयोजित लालड़ी नृत्य में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी खूब थिरके. वही, वन मंत्री गोविंद ठाकुर, सांसद राम स्वरूप भी विशेष रूप से शामिल रहे.
कुल्लवी एसोसिएशन के अध्यक्ष जीसी चंबियाल ने बताया कि लालड़ी नृत्य में सभी पुरुष नर्तक कुल्लवी टोपी, काली जेकट, सफेद कमीज और पायजामा में नृत्य किया और महिलाएं कुल्लवी पट्टू और धाठू में नृत्य करती रही. उन्होंने कहा कि इस नृत्य को 'संवाद नृत्य' भी कहा जा सकता है. इसमें लोकगीतों की उन्मुक्त धारा को खुली उड़ान की तुकबंदी का रूप दिया जाता है. इसमें प्रायः नियम यह रहता है कि जिस नर्तक दल की पंक्ति (टप्पा) न जुड़ सके, वह पराजित समझी जाती है.
पहले के समय मे कुल्लू जनपद में लालड़ी गाने वालों की टोलियां (युवतियां) दशहरा मेले के दिनों में रात के समय बारी-बारी प्रत्येक घर में जाकर लालड़ी नृत्य रात-रात भर करती हैं. इसमें नर्तक ही नृत्य करते हैं. दूसरे खड़े-खड़े उसका उत्तर ढूंढते हैं, जब एक दल चुप हो जाता है तो खड़े लोग (नर्तक) नाचने लगते हैं.