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ढालपुर में मजदूरों की मांगों को लेकर गरजी CITU, श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक जल्द बुलाने की मांग - ढालपुर में सीटू का विरोध प्रदर्शन

कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में सीटू संबंधित भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया. धरने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू के प्रदेश महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि राज्य में बोर्ड में पंजीकरण व सहायता लेने के लिए पंचायतों में मनरेगा, वित्तयोग व अन्य सभी कार्यों के लिए कार्य दिवस को मान्य किया जाना चाहिए. इसके अलावा श्रम और रोजगार विभाग द्वारा जो भवन निर्माण में सेस लगाने की शर्त लगाई है. उसे जल्द से जल्द रद्द किया जाना चाहिए और रोजगार प्रमाण पत्र को सत्यापित करने का अधिकार पहले की तरह मजदूर यूनियन को दिया जाना चाहिए.

CITU protests in Dhalpur
ढालपुर में सीटू का प्रदर्शन.

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Published : Mar 15, 2023, 5:10 PM IST

ढालपुर:हिमाचल प्रदेश में मजदूरों की मांगों को लेकर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में सीटू संबंधित भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया. वहीं, डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा गया. इस दौरान प्रदेश सरकार से मांग रखी गई कि राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से जो मजदूरों को लाभ मिलते हैं उन्हें तुरंत जारी किया जाए. धरने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू के प्रदेश महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि राज्य में बोर्ड में पंजीकरण व सहायता लेने के लिए पंचायतों में मनरेगा, वित्तयोग व अन्य सभी कार्यों के लिए कार्य दिवस को मान्य किया जाना चाहिए. इसके अलावा श्रम और रोजगार विभाग द्वारा जो भवन निर्माण में सेस लगाने की शर्त लगाई है. उसे जल्द से जल्द रद्द किया जाना चाहिए और रोजगार प्रमाण पत्र को सत्यापित करने का अधिकार पहले की तरह मजदूर यूनियन को दिया जाना चाहिए.

ढालपुर में सीटू का प्रदर्शन.

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राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के कार्यों संबंधी एक्सपर्ट कमेटी में अधिकारियों के अलावा मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए और श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक जल्द बुलाई जाए, ताकि रुके हुए कार्य को बहाल किया जा सके. प्रेम गौतम ने बताया कि मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी अब साढ़े तीन सौ रुपये न्यूनतम की जानी चाहिए. जिसके लिए कांग्रेस ने वादा किया था. वहीं, प्रदेश में मनरेगा के कार्य दिवस भी 200 दिन किए जाने चाहिए. मनरेगा कार्यों की असेसमेंट के लिए अलग से मापदंड निर्धारित किए जाने चाहिए और ऑनलाइन हाजरी और 20 कार्य की शर्त को भी हटाया जाना चाहिए. इसी मुद्दे को लेकर एक ज्ञापन अब प्रदेश सरकार को भेजा गया है, ताकि प्रदेश सरकार इस पर जल्द से जल्द निर्णय ले सके.

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