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कुल्लू में भारत बंद के आह्वान पर CITU का प्रदर्शन, कृषि कानूनों का किया विरोध - Himachal Kisan Sabha Kullu protest

सीटू की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर जिला मुख्यालय कुल्लू व आनी में भी मांगों को लेकर ढालपुर से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक धरना प्रदर्शन किया. राज्य सहसचिव हौतम सिंह सौंखला ने कहा कि केंद्र सरकार अभी भी किसानों की कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने के लिए की गई मांग पर कुछ नहीं कर रही है.

हिमाचल किसान सभा कुल्लू
हिमाचल किसान सभा कुल्लू

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Published : Mar 26, 2021, 4:49 PM IST

कुल्लू: सीटू जिला कमेटी कुल्लू ने शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर जिला मुख्यालय कुल्लू व आनी में भी मांगों को लेकर ढालपुर से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक धरना प्रदर्शन किया. उपायुक्त कार्यालय के बाहर किसानों को संबोधित करते हुए हिमाचल किसान सभा के राज्य सहसचिव हौतम सिंह सौंखला ने कहा कि केंद्र सरकार अभी भी किसानों की तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने के लिए की गई मांग पर कुछ नहीं कर रही है.

हौतम सौंखला ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार देशी और विदेशी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूर विरोधी नीतियों को लागू कर रही है. सितंबर 2020 में संसद सत्र में बिना चर्चा किए श्रम सुधारों के नाम पर सभी श्रम कानूनों को खत्म करके चार श्रम संहिताओं को बनाया गया. एक अप्रैल से इन्हें लागू किया जा रहा है. ये मजदूर वर्ग व किसानों के साथ सबसे बड़ा धोखा है.

वीडियो.

सरकार को किसानों की चिंता नहीं: सौंखला

सौंखला ने कहा कि सरकार को किसानों की चिंता नहीं है. जब किसान ही बिल को नहीं चाह रही तो सरकार जबरदस्ती किसान बिल को क्यों थोपना चाह रही है. आज पूरे देश में मजदूर निम्न 10 मांगें जिसमें, सभी चार श्रम संहिताओं को निरस्त करना, तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना, बिजली बिल 2020 को वापस लेना, निजीकरण बंद करने, सभी गैर आयकर दाता परिवारों के लिए 7500 रुपये प्रतिमाह का नकद हस्तांतरण, सभी जरूरतमंदों को 10 किलो खाद्यान प्रति व्यक्ति प्रतिमाह देने, 700 रुपये मजदूरी के साथ 200 दिन मनरेगा के तहत काम, रोजगार गारंटी योजना का शहरी क्षेत्रों में विस्तार करना, एनपीएस निरस्त करने व पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करने, सभी को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदर्शन किया गया. सरकार की इन मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और इसी कड़ी में सात अप्रैल को पावंटा में सीटू की ओर से महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.

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